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राष्ट्रगान नहीं होने पर गवर्नर ने अभिभाषण छोड़ा, कहा- डीएमके सरकार ने किया संविधान का अपमान - HIGH DRAMA IN TAMIL NADU ASSEMBLY

तमिलनाडु विधानसभा का आज से सत्र शुरू हुआ. जिसके बाद यह हाई वोलेटेज ड्रामा हुआ.

High Drama in Tamil Nadu Assembly
राज्यपाल आरएन रवि की फाइल फोटो. (ANI)

By ANI

Published : Jan 6, 2025, 11:38 AM IST

चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा सत्र 2025 के पहले दिन हाई ड्रामा देखने को मिला. राज्यपाल आरएन रवि ने आज राज्य विधानसभा के पहले सत्र के दौरान राष्ट्रगान से संबंधित एक गंभीर मुद्दे का हवाला देते हुए अपना पारंपरिक अभिभाषण नहीं दिया. राजभवन के कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, राज्यपाल के विधानसभा में पहुंचने पर, राष्ट्रगान के बजाय केवल 'तमिल ताई वझु' गाया गया, जिसे पारंपरिक रूप से ऐसे अवसरों पर बजाया जाता है.

भारत के संविधान और राष्ट्रगान का आज एक बार फिर तमिलनाडु विधानसभा में अपमान किया गया. राष्ट्रगान का सम्मान करना हमारे संविधान में निहित पहले मौलिक कर्तव्यों में से एक है. इसे राज्यपाल के अभिभाषण के आरंभ और अंत में सभी राज्य विधानसभाओं में गाया जाता है. आज राज्यपाल के सदन में पहुंचने पर केवल तमिल ताई वझु गाया गया.

राज्यपाल ने सदन को उसके संवैधानिक कर्तव्य की याद दिलाई और सदन के नेता माननीय मुख्यमंत्री और माननीय अध्यक्ष से राष्ट्रगान गाने की जोरदार अपील की. हालांकि, उन्होंने इनकार कर दिया. यह गंभीर चिंता का विषय है. संविधान और राष्ट्रगान के प्रति इस तरह के बेशर्मीपूर्ण अनादर में शामिल न होने के कारण राज्यपाल गहरी पीड़ा में सदन से चले गए.

कांग्रेस और डीएमके ने राज्यपाल के इस कदम का विरोध प्रदर्शन किया, जबकि विधानसभा अध्यक्ष राज्यपाल के अभिभाषण का अनुवादित संस्करण पढ़ते रहे. एएनआई से बात करते हुए तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष के सेल्वापेरुन्थगई ने कहा कि राज्यपाल तमिलनाडु के लोगों और पुलिस के खिलाफ हैं. वह विधानसभा से कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं करते... मैं केवल इतना कह सकता हूं कि अन्ना विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति नहीं की गई है और इसलिए हम विरोध कर रहे हैं...

राज्यपाल के जाने के तुरंत बाद अन्ना विश्वविद्यालय की छात्रा के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ AIADMK ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. स्पीकर ने मार्शलों को प्रदर्शनकारी विधायकों को बाहर निकालने का आदेश दिया. अन्ना विश्वविद्यालय के मुद्दे पर पीएमके और भाजपा ने भी वॉकआउट किया. यह सत्र सत्तारूढ़ डीएमके सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण होने का अनुमान है. विभिन्न राजनीतिक दलों ने अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले पर सरकार को घेरा है और डीएमके सरकार पर मामले में धीमी गति से काम करने का आरोप लगाया है.

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