दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हाईकोर्ट का विकीपीडिया को आदेश- कोर्ट में चल रही सुनवाई पर की गई टिप्पणी 36 घंटे में हटाएं

दिल्ली हाईकोर्ट ने विकिपीडिया को निर्देश दिया है कि समाचार एजेंसी अवमानना याचिका से जुड़े मामले की टिप्पणियों को 36 घंटे के अंदर हटाए.

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 5 hours ago

ANI मानहानि मामले में विकिपीडिया को दिया पेज हटाने का आदेश
ANI मानहानि मामले में विकीपीडिया को दिया पेज हटाने का आदेश (ETV BHARAT)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक न्यूज एजेंसी को सरकार का प्रोपेगैंडा टूल बताने वाले विकीपीडिया के विवरण संबंधी मामले में कोर्ट के फैसले पर की गई टिप्पणियों वाले पेज को 36 घंटे के अंदर हटाने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने बुधवार को ये आदेश दिया. सुनवाई के दौरान न्यूज एजेंसी की ओर से पेश वकील सिद्धांत कुमार ने कहा कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने जो भी कहा था वो विकीपीडिया की वेबसाइट पर विचार के लिए खोल दिया गया है.

तब कोर्ट ने कहा कि ये कोर्ट की अवमानना है. इस पर विकीपीडिया की ओर से पेश वकील अमित सिब्बल ने कहा कि विकीपीडिया ने कोर्ट के फैसले पर कोई विचार विमर्श शुरू नहीं किया है. अगर कोर्ट आदेश देगी कि वो पेज हटा दिया जाए तो उस आदेश का पालन किया जाएगा. उसके बाद कोर्ट ने 36 घंटे के अंदर सिंगल जज और डिवीजन बेंच के आदेश पर की गई टिप्पणियों को हटाने का आदेश दिया.

विकीपीडिया विवरण संपादित करने वाले का विवरण नहीं बता सकता:कोर्ट ने 14 अक्टूबर को न्यूज एजेंसी के सरकार का प्रोपेगैंडा टूल बताने वाले विकीपीडिया के विवरण को संपादित करने वाले के नाम का खुलासा नहीं करने पर आपत्ति जताई थी. सुनवाई के दौरान विकीपीडिया ने कहा था कि विकीपीडिया विवरण संपादित करने वाले का विवरण नहीं बता सकता. ये उसकी निजता की नीति का हिस्सा है. तब कोर्ट ने कहा था कि अगर आप नाम नहीं बताएंगे तो जिस व्यक्ति ने विवरण संपादित किया है कोर्ट उसका रुख कैसे जान पाएगी.

कोर्ट ने कहा था कि आप एक सर्विस प्रोवाइडर हैं. आप न्यूज एजेंसी का विवरण संपादित करने वाले का खुलासा कीजिए. आप किसी को बदनाम करने का प्लेटफार्म नहीं हो सकते हैं. इससे आपको सुरक्षा नहीं मिल सकती है. तब विकीपीडिया के वकील ने इस पर निर्देश लेकर सूचित करने के लिए समय देने की मांग की जिसके बाद कोर्ट ने 16 अक्टूबर को सुनवाई करने का आदेश दिया.

बता दें, 5 सितंबर को सिंगल बेंच ने विकीपीडिया के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया था. जस्टिस नवीन चावला की सिंगल बेंच ने कहा था कि अगर आगे कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं होगा तो हम कड़ाई से निपटेंगे. सिंगल बेंच ने 25 अक्टूबर को अगली सुनवाई की तिथि नियत करते हुए विकीपीडिया के प्रतिनिधि को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें :पराली संकट: दिल्ली वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, पंजाब -हरियाणा सरकार पर जताई नाराजगी

ये भी पढ़ें :हाईकोर्ट ने डूसू उम्मीदवारों से कहा- अगर आप चुनाव परिणाम घोषित करना चाहते हैं तो गंदगी साफ करें

ABOUT THE AUTHOR

...view details