चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंचकूला निवासी एवं डाउन सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रस्त एक 13 वर्षीय बच्चे की मां की याचिका पर हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी है. हाईकोर्ट ने कहा कि किसी दिव्यांग बच्चे को उसकी मानसिक अवस्था के कारण मौलिक शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता.
दिव्यांग बच्चों को लाभ नहीं मिलने का अफसोस
हाईकोर्ट ने कहा कि दिव्यांग छात्रों के लिए आज दौर बदल चुका है और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कानून भी मौजूद है. कोर्ट ने सबकुछ मौजूद होने के बावजूद दिव्यांग बच्चों को इसका लाभ नहींं मिलने पर अफसोस भी जताया. अदालत ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा जिम्मेदार अधिकारियों में संवेदनाओं की कमी होने के कारण है.
हरियाणा-पंजाब व चंडीगढ़ बनाएं सिस्टम
दरअसल, हाईकोर्ट ने ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ को एक सिस्टम बनाकर कोर्ट को जानकारी देने का आदेश दिया था. लेकिन चंडीगढ़ और हरियाणा द्वारा इस संबंध में जवाब दायर ना कर कुछ और समय देने की मांग की गई. लेकिन हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक जवाब दायर नहीं करने पर प्रतिवादी पक्ष पर भारी जुर्माना लगाने की कड़ी चेतावनी दी है.