नई दिल्ली: आज कल बैंक कंपनियां लोगों को आसानी से लोन प्रोवाइड कर रही हैं. इसके चलते लोगों के लिए अपना घर और कार जैसे चीजें खरीदने का सपना आसानी से पूरा हो रहा है. लोन आसानी से उपलब्ध होने की वजह से लोग बड़ी संख्या में कर्ज ले रहे हैं. विशेषकर होम लोन. हालांकि, यह लोन लेना आपको भारी भी पड़ सकता है.
दरअसल, लोन देते समय बैंक ग्राहकों से कई छूपे हुए चार्ज वसूल करते हैं, जिनके बारे में शायद उनको पता भी नहीं होता, खासकर होम लोन लेते वक्त. बता दें कि होम लोन देते समय बैंक कस्टमर्स से कई तरह के चार्जेस लेते हैं. जिनके बारे में उन्हों लोन फाइनल होने पर पता चलता है. चलिए अब आपको इन हिडन चार्जेस के बारे में बताते हैं.
लोन पर बैंक लेतें हैं प्रोसेसिंग चार्ज
होम लोन फाइनेंस कराते समय लोन की कुल अमाउंट पर 0.5 प्रतिशत से 2 फीसदी तक प्रोसेसिंग चार्ज लिया जाता है. हालांकि, कुछ बैंक प्रमोशनल ऑफर्स के तहत ग्राहकों को छूट भी दे सकते हैं, लेकिन ये छूट कम ही मिलती है.
टेक्निकल असेसमेंट फीस
द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जिस संपत्ति के लिए होम लोन लिया जाता है, उसके बाजार मूल्य का आकलन करने के लिए, ऋणदाता टेक्निकल एक्सपर्ट को नियुक्त करते हैं. ये एक्सपर्ट कई मापदंडों जैसे वैधानिक अनुमोदन, लेआउट अनुमोदन, भवन विनिर्देशों, निर्माण मानदंडों के अनुपालन आदि पर संपत्ति का मूल्यांकन करते हैं. वे विभिन्न तरीकों से संपत्ति का बाजार मूल्य भी निर्धारित करते हैं, जिसमें भूमि की लागत और निर्माण लागत भी शामिल है. वहीं, कुछ ऋणदाता इस शुल्क को अपनी प्रोसेसिंह फीस में भी शामिल करते हैं, कुछ ऋणदाता इसे अलग से लेते हैं.
फ्रैंकिंग फीस
फ्रैंकिंग फीस आपके होम लोन एग्रीमेंट को आम तौर पर मशीन के माध्यम से स्टैंप करवाने की प्रक्रिया है, जिससे यह पुष्टि होती है कि आपने आवश्यक स्टांप ड्यूटी का पेमेंट कर दिया है. होम लोन एग्रीमेंट की फ्रैंकिंग आमतौर पर बैंकों या एजेंसियों द्वारा की जाती है जो सरकार द्वारा अधिकृत हैं. फ्रैंकिंग शुल्क आम तौर पर होम लोन मूल्य का 0.1 फीसदी होता है.