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होम लोन देते वक्त बैंक कैसे काटते हैं आपकी जेब, जानें वसूलते हैं कौन-कौन से हिडन चार्जेस

लोन देते समय बैंक ग्राहकों से कई छूपे हुए चार्ज वसूल करते हैं, जिनके बारे में शायद उनको पता भी नहीं होता, खासकर होम लोन लेते वक्त.

होम लोन देते वक्त बैंक कैसे काटते हैं आपकी जेब
होम लोन देते वक्त बैंक कैसे काटते हैं आपकी जेब (Getty Images)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 12, 2024, 12:16 PM IST

नई दिल्ली: आज कल बैंक कंपनियां लोगों को आसानी से लोन प्रोवाइड कर रही हैं. इसके चलते लोगों के लिए अपना घर और कार जैसे चीजें खरीदने का सपना आसानी से पूरा हो रहा है. लोन आसानी से उपलब्ध होने की वजह से लोग बड़ी संख्या में कर्ज ले रहे हैं. विशेषकर होम लोन. हालांकि, यह लोन लेना आपको भारी भी पड़ सकता है.

दरअसल, लोन देते समय बैंक ग्राहकों से कई छूपे हुए चार्ज वसूल करते हैं, जिनके बारे में शायद उनको पता भी नहीं होता, खासकर होम लोन लेते वक्त. बता दें कि होम लोन देते समय बैंक कस्टमर्स से कई तरह के चार्जेस लेते हैं. जिनके बारे में उन्हों लोन फाइनल होने पर पता चलता है. चलिए अब आपको इन हिडन चार्जेस के बारे में बताते हैं.

लोन पर बैंक लेतें हैं प्रोसेसिंग चार्ज
होम लोन फाइनेंस कराते समय लोन की कुल अमाउंट पर 0.5 प्रतिशत से 2 फीसदी तक प्रोसेसिंग चार्ज लिया जाता है. हालांकि, कुछ बैंक प्रमोशनल ऑफर्स के तहत ग्राहकों को छूट भी दे सकते हैं, लेकिन ये छूट कम ही मिलती है.

टेक्निकल असेसमेंट फीस
द इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जिस संपत्ति के लिए होम लोन लिया जाता है, उसके बाजार मूल्य का आकलन करने के लिए, ऋणदाता टेक्निकल एक्सपर्ट को नियुक्त करते हैं. ये एक्सपर्ट कई मापदंडों जैसे वैधानिक अनुमोदन, लेआउट अनुमोदन, भवन विनिर्देशों, निर्माण मानदंडों के अनुपालन आदि पर संपत्ति का मूल्यांकन करते हैं. वे विभिन्न तरीकों से संपत्ति का बाजार मूल्य भी निर्धारित करते हैं, जिसमें भूमि की लागत और निर्माण लागत भी शामिल है. वहीं, कुछ ऋणदाता इस शुल्क को अपनी प्रोसेसिंह फीस में भी शामिल करते हैं, कुछ ऋणदाता इसे अलग से लेते हैं.

फ्रैंकिंग फीस
फ्रैंकिंग फीस आपके होम लोन एग्रीमेंट को आम तौर पर मशीन के माध्यम से स्टैंप करवाने की प्रक्रिया है, जिससे यह पुष्टि होती है कि आपने आवश्यक स्टांप ड्यूटी का पेमेंट कर दिया है. होम लोन एग्रीमेंट की फ्रैंकिंग आमतौर पर बैंकों या एजेंसियों द्वारा की जाती है जो सरकार द्वारा अधिकृत हैं. फ्रैंकिंग शुल्क आम तौर पर होम लोन मूल्य का 0.1 फीसदी होता है.

वैधानिक या विनियामक शुल्क
ये वे शुल्क हैं जो गृह ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया में वैधानिक निकायों की ओर से ऋणदाता द्वारा एकत्र किए जाते हैं. यह ज्यादातर स्टांप ड्यूटी और जीएसटी के रूप में होता है. इसे ऋणदाता द्वारा एकत्र किया जाता है और सरकार को भुगतान किया जाता है.

पुनर्मूल्यांकन शुल्क
होम लोन आवेदन की स्वीकृति सीमित वैधता अवधि के साथ आती है. अगर आपका ऋण स्वीकृत हो जाता है, लेकिन आप लंबे समय तक संवितरण नहीं लेते हैं, तो ऋणदाता आपके ऋण आवेदन का पुनर्मूल्यांकन करेगा. यह अवधि ऋणदाताओं के बीच अलग-अलग होती है और आमतौर पर छह महीने तक हो सकती है.

प्रीपेमेंट पैनल्टी
अगर आपका मौजूदा होम लोन फिक्स्ड ब्याज दर पर है और आप समय से पहले इसे चुकाना चाहते हैं, तो आपको प्रीपेमेंट पैनल्टी देनी पड़ सकती है. यह पैनल्टी लोन की बकाया अमाउंट की 2 से 4 फीसदी तक हो सकती है. हालांकि, फ्लोटिंग ब्याज दर वाले लोन पर प्रीपेमेंट पैनल्टी नहीं लगती है.

बीमा प्रीमियम
कई ऋणदाता उधारकर्ताओं से संपत्ति को होने वाले किसी भी भौतिक नुकसान जैसे आग या घर के बीमा के लिए बीमा लेने के लिए कहते हैं. कुछ ऋणदाता उधारकर्ताओं को ऋण सुरक्षा जीवन बीमा पॉलिसी लेने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं, ताकि लोन वाले को कुछ हो जाए तो उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को ऋण बकाया के बारे में चिंता न करनी पड़े. इसलिए, यदि आप होम लोन के साथ बीमा पॉलिसी लेने का फैसला करते हैं तो आपको बीमा प्रीमियम का भुगतान करना होगा - यह अक्सर एकल प्रीमियम पॉलिसी होती है जिसे ऋणदाता अक्सर वित्तपोषित करने के लिए तैयार होते हैं.

नोटरी शुल्क
अगर आप एनआरआई हैं और होम लोन ले रहे हैं तो आपको कुछ अतिरिक्त कागजी कार्रवाई करनी पड़ सकती है. आपके केवाईसी दस्तावेजों और पीओए (पावर ऑफ अटॉर्नी) को भारतीय दूतावास या विदेश में उपलब्ध स्थानीय नोटरी द्वारा नोटरीकृत किया जाना चाहिए, जिसके लिए आपको लागू शुल्क का भुगतान करना होगा.

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