नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद की सुरक्षा में चूक मामले में आरोपी मनोरंजन डी की जमानत याचिका खारिज कर दी है. एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में आरोपी के खिलाफ लगे आरोप सही प्रतीत होते हैं. कोर्ट ने 21 दिसंबर को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. इससे पहले कोर्ट ने 22 नवंबर को इस मामले के आरोपी महेश कुमावत की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. वहीं 11 सितंबर को इस मामले की आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा कि आरोपी संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे. साथ ही यह भी कहा गया कि संसद पर हमले के लिए आरोपी दो साल से योजना बना रहे थे.
आरोपियों ने पांच बैठकें की थी: करीब एक हजार पेजों के चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी एक-दूसरे से सोशल मीडिया पर मिले थे. आरोपियों ने मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल पांच बैठकें की थी. उनकी पहली मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी. दिल्ली पुलिस के इस चार्जशीट पर कोर्ट ने 3 अगस्त को संज्ञान लिया था.
जुलाई में पूरक चार्जशीट दाखिल की गई: दिल्ली पुलिस ने 15 जुलाई को इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यूएपीए की विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की थी. दिल्ली पुलिस ने 7 जून को पहली चार्जशीट दाखिल की थी. दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है, उनमें मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद शामिल हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट करीब एक हजार पन्नों की है.
यह है मामला: बता दें कि 13 दिसंबर, 2023 को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे थे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने आरोपियों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की थी. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए थे जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.
हाईकोर्ट ने आदेश पर लगाई थी रोक: पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर, 2023 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को निर्देश दिया था कि वो आरोपी नीलम के परिजनों को एफआईआर की प्रति 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराएं. पटियाला हाउस कोर्ट के इस आदेश को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. 22 दिसंबर, 2023 को हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी.
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