नई दिल्लीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया है. मामले पर कोर्ट ने शुक्रवार को विचार करने की सहमति दी है.
शुक्रवार को होगी सुनवाईः दरअसल हेमंत सोरेन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और ए एम सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सोरेन की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली एक समान याचिका झारखंड उच्च न्यायालय में दायर की गई थी और इसे आज सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल उच्च न्यायालय से याचिका वापस ले लेंगे. पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि याचिका शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएगी.
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान सिब्बल ने कहा कि गिरफ्तारी ज्ञापन में कहा गया है कि 10 बजे, वे कहते हैं कि शाम 5 बजे गिरफ्तार किया गया. इस बात पर जोर दिया कि यह बहुत गंभीर मामला है. ईडी के वकील ने कहा कि हेमंत सोरेन पर भी गंभीर आरोप हैं. सिब्बल ने कहा कि चुनाव से पहले गिरफ्तार करते रहेंगे. हेमंत सोरेन के वकीलल ने कहा कि आम चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तारी के तरीके से देश की राजनीति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.
झारखंड हाईकोर्ट में भी हुई सुनवाईः वहीं ईडी की कार्रवाई के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, लेकिन फिलहाल उन्हें कोई राहत नहीं मिली है. याचिका पर अब शुक्रवार को सुनवाई होगी. दरअसल, हेमंत सोरेन की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालती कार्यवाही में जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बहस के लिए वक्त की मांग की. अदालत ने इस पर नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई कल यानी शुक्रवार को निर्धारित की है.