कोट्टायम: केरल की एक अदालत ने नफरती भाषण मामले में सोमवार को भाजपा नेता और पूर्व विधायक पीसी जॉर्ज को 14 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया. इससे पहले अदालत ने जॉर्ज को शाम छह बजे तक पुलिस हिरासत में भेजा था. हालांकि, पुलिस ने दो दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ चार घंटे की ही मंजूरी दी थी और कहा था कि इसके बाद जॉर्ज को फिर से अदालत के समक्ष पेश किया जाए.
चार घंटे की हिरासत खत्म होने के बाद पुलिस उन्होंने फिर से अदालत के समक्ष पेश किया. सुनवाई के बाद एराट्टुपेटा न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भाजपा नेता पीसी जॉर्ज को 14 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया.
हिरासत मिलने के बाद पुलिस उन्हें चेकअप के लिए कोट्टायम मेडिकल कॉलेज लाई. मजिस्ट्रेट ने मेडिकल रिपोर्ट पर विचार करने के बाद जॉर्ज को पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया, जिसमें बताया गया था कि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं.
पीसी जॉर्ज ने किया कोर्ट में आत्मसमर्पण
इससे पहले, केरल हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद पीसी जॉर्ज ने सोमवार सुबह करीब 11 बजे एराट्टुपेट्टा कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था. पुलिस ने उनके खिलाफ एक टेलीविजन डिबेट के दौरान कथित सांप्रदायिक टिप्पणी करने के आरोप में मामला दर्ज किया था.
सोमवार को जब कोर्ट में पीसी जॉर्ज के खिलाफ मामले पर विचार किया गया तो पुलिस ने उनके खिलाफ दर्ज पिछले मामलों की रिपोर्ट पेश की. पीसी जॉर्ज भाजपा नेताओं के साथ कोर्ट पहुंचे. सुबह से ही भाजपा नेता और कार्यकर्ता उनके घर पर जमा हो गए थे. पुलिस द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद भाजपा ने अपना विरोध प्रदर्शन रद्द कर दिया.
पिछले दो दिनों से पुलिस पीसी जॉर्ज की जांच कर रही थी. रविवार को पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार करने की कोशिश की, जिसके बाद जॉर्ज ने पेश होने से पहले दो दिन की मोहलत मांगी.
पीसी जॉर्ज ने 5 जनवरी को एक टीवी डिबेट में मुसलमानों के खिलाफ टिप्पणी की थी. यूथ लीग एराट्टुपेट्टा मंडलम कमेटी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज किया. कोट्टायम सत्र न्यायालय और बाद में हाईकोर्ट ने पीसी जॉर्ज की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.
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