नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई. कल देर रात हुई बैठक में लगभग 55 सीट पर फाइनल मुहर लग गई है. हालांकि, अभी तक पहली लिस्ट जारी नहीं की गई है. सूत्रों के मुताबिक, अगले 24 घंटे के अंदर बीजेपी हरियाणा के लिए पहली लिस्ट जारी कर सकती है. 35 सीटों पर आज (शुक्रवार) फिर से कोर ग्रुप की बैठक हुई.
बता दें कि, हरियाणा में भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के मिशन में पूरे दम खम के साथ जुटी है. हालांकि अंदरखाने पार्टी को ये मालूम है कि, इस बार उसे चुनावी मैदान में कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल सकती है. वह इसलिए क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा को आगे कर कांग्रेस जाट समुदाय को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. कांग्रेस जहां जाट,मुस्लिम और दलित समुदाय के समीकरण पर दावे लगा रही वहीं भाजपा उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ज्यादा से ज्यादा समुदाय को लुभाने की तैयारी कर रही है.
भाजपा एक तरफ जहां हरियाणा की सबसे बड़ी आबादी जाटों को लुभाने का प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ दलितों और ओबीसी के साथ-साथ ब्राह्मण, पंजाबी, जाट सिख,राजपूत,गुर्जर जैसे अन्य समुदायों को भी पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है. बीजेपी ने जहां एक तरफ जाट नेता किरण चौधरी को बीजेपी में शामिल कराकर उनको राज्ययभा भेजा तो वहीं ओलंपिक में पदक से चूकने के बावजूद विनेश फोगाट को तमाम पुरस्कारों से नवाजा. बीजेपी यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी समाज के सभी वर्गों के साथ ही जाट समाज को पूरी तवज्जों और अहमियत देती है.
भाजपा की रणनीति का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि जो समुदाय पूरी तरह से साथ नहीं है,उनमें ज्यादा से ज्यादा वोटों का बिखराव पैदा किया जाए. यही वजह है कि जाट वोट बैंक में सेंघ लगाने के लिए भाजपा हरियाणा से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों और किसानों की पार्टी माने जाने वाले जयंत चौधरी को आगे करने जा रही है. हरियाणा में जाटों की आबादी 22 फीसदी से ज्यादा है. भाजपा जयंत चौधरी की पार्टी रालोद को हरियाणा में 2 -3 सीटें देकर, जाट वोटरों को संदेश देना चाहती है.