उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / bharat

हरिद्वार कॉरिडोर: भव्य बनाने की तैयारी में सरकार, 'मूल स्वरूप' रहेगा बरकरार, एक पथ पर होंगे प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन - HARIDWAR CORRIDOR

हरिद्वार कॉरिडोर को लेकर इन दिनों सर्वे का काम किया जा रहा है. 2026 तक कॉरिडोर का काम पूरा करने का लक्ष्य है.

HARIDWAR CORRIDOR
हरिद्वार कॉरिडोर से नहीं बदलेगा धर्मनगरी का मूल स्वरूप (PHOTO-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 24, 2024, 6:42 PM IST

Updated : 23 hours ago

देहरादून/हरिद्वार (किरणकांत शर्मा): उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर हरिद्वार में बनाए जा रहे हरकी पैड़ी कॉरिडोर की कागजी कार्रवाई तेज गति से आगे बढ़ रही है. हरिद्वार के विकास के लिए बनने जा रहा कॉरिडोर में जन भावनाओं का भी ख्याल रखा जा रहा है.

हरिद्वार हरकी पैड़ी कॉरिडोर के तहत हरिद्वार के देवपुरा चौक से भारत माता मंदिर तक सूरत बदल जाएगी. सरकार पहले इस मामले पर थोड़ी खामोश थी, लेकिन मुख्यमंत्री धामी के साथ-साथ हरिद्वार जिला प्रशासन ने भी यह स्प्ष्ट कर दिया है कि हरिद्वार में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर ही कॉरिडोर बनेगा. दरअसल, सरकार चाहती है कि हरिद्वार में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को एक अलग अनुभव की अनुभूति करवाई जाए. एक ही पथ पर हरिद्वार के प्रमुख मंदिर जिसमें- दक्ष मंदिर, मनसा देवी, चंडी देवी, हरकी पैड़ी जैसे मंदिरों के दर्शन श्रद्धालु एक कॉरिडोर से जाकर आसानी से कर लें.

हरिद्वार कॉरिडोर को भव्य बनाने की तैयारी में सरकार. (VIDEO0-ETV Bharat)

सीएम पुष्कर सिंह धामी अपने बयानों में बार-बार ये बात कहते रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरिद्वार कॉरिडोर को लेकर कई बार उनसे जिक्र कर चुके हैं. राज्य सरकार भी यह चाहती है कि हरिद्वार के साथ उत्तराखंड के तमाम धार्मिक स्थलों का कायाकल्प आने वाले 50 सालों को ध्यान में रखकर किया जाए.

ना हो परेशानी, रखेंगे इस बात का ख्याल:हालांकि, सरकार के इस मेगा ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर बीते एक साल से स्थानीय व्यापारियों का गुस्सा साफ देखा जा रहा था. व्यापारी लगातार सरकार और प्रशासन के सामने इस बात का विरोध कर रहे थे कि अगर कॉरिडोर बना तो उनके संस्थान, घर और बाजारों को तोड़ दिया जाएगा. इन सब के बीच इस पूरे मामले पर राजनीति भी हो रही थी. इस विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महीने में सबसे अधिक कार्यक्रम हरिद्वार के रख रहे हैं, ताकि स्थानीय जनता को इस बात का एहसास कराया जाए कि कोई भी कॉरिडोर जनता को परेशान और उनके संस्थान को अधिग्रहण करके नहीं बनेगा.

22 दिसंबर को हरिद्वार हर की पैड़ी को लेकर विधायक मदन कौशिक ने सीएम धामी से की थी मुलाकात. (PHOTO- UTTARAKHAND DIPR)

10 किलोमीटर का होगा कॉरिडोर:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कार्यक्रम में स्पष्ट भी किया कि हरिद्वार कॉरिडोर का काम जल्द ही शुरू होने वाला है. इस कॉरिडोर के तहत हरकी पैड़ी का स्वरूप पूरी तरह से बदल जाएगा. श्रद्धालुओं को आधुनिक माहौल के साथ-साथ ऐतिहासिक माहौल भी मिले, ऐसी व्यवस्था इस कॉरिडोर के तहत की जा रही है. इस कॉरिडोर में हरिद्वार के कनखल, देवपुरा, मनसा देवी, और चंडी देवी के अलावा हरकी पैड़ी, भारत माता मंदिर भीमगौड़ा जैसे धार्मिक स्थल आ रहे हैं. यानी हरकी पैड़ी के 5 किलोमीटर दाएं और 5 किलोमीटर बाएं हिस्से में इस कॉरिडोर का काम पूरा होगा.

हरिद्वार कॉरिडोर के लिए सर्वे कर रही कंपनी. (PHOTO-ETV Bharat)

सीएम धामी ने कहा: सीएम धामी ने अपने बयान में कहा कि, काशी विश्वनाथ में भव्य और दिव्य काशी बनाने के प्रयास के तहत काशी कॉरिडोर बनाया गया है. एक समय में जब भक्त काशी दर्शन करने के लिए जाते थे तो एक छोटा सा रास्ता हुआ करता था और श्रद्धालुओं को दर्शन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लेकिन केंद्र सरकार की इच्छा शक्ति से काशी का गलियारा बनाया गया. इसी तरह से उत्तराखंड सरकार भी हरिद्वार और ऋषिकेश के कॉरिडोर को लेकर भी काम कर रही है.

हरिद्वार कॉरिडोर के तहत व्यापारियों को अपनी दुकानें और घर गंवाने का है डर. (PHOTO-ETV Bharat)

सीएम से मिले विधायक कौशिक: इसी बीच रविवार 22 दिसंबर की रात हरिद्वार से स्थानीय विधायक मदन कौशिक ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून आवास पर मुलाकात की. मुलाकात के बाद मदन कौशिक ने बताया कि उन्होंने बिना ध्वस्तीकरण के हरिद्वार कॉरिडोर बनाने की सीएम से मांग की है. इससे हरिद्वार की ऐतिहासिक भूमि भी बची रहेगी और व्यापारियों के सामने भी रोजगार का संकट नहीं होगा.

डीएम ने भी कही ये बात: वहीं, हरिद्वार डीएम कर्मेंद्र सिंह का कहना है कि, हरकी पैड़ी कॉरिडोर को लेकर कार्य चल रहा है. इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि सभी को एकसाथ लेकर काम किया जाए. जिलाधिकारी ने बताया कि हरिद्वार के 10 किलोमीटर के दायरे में इसका निर्माण होगा. अगर कुछ लोग इसको लेकर भ्रांति फैला रहे हैं तो उनकी बातों में ना आएं. प्रशासन जब भी इसका काम शुरू करेगा तो इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि हरिद्वार का मूल स्वरूप ना बदले, और यहां के स्थानीय लोगों की भी भावना को ठेस न पहुंचे.

हरिद्वार जिलाधिकारी कमेंद्र सिंह (PHOTO-ETV Bhrat)

रात में हो रहा सर्वे:कॉरिडोर का काम भी काशी कॉरिडोर बनाने वाली कंपनी को दिया गया है. विरोध को देखते हुए कंपनी के कर्मचारी दिन के बजाय रात को हरिद्वार के आसपास इलाकों में सर्वे कर रही है. हालांकि, कंपनी की तरफ से अभी तक इस पूरे मामले पर किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन इतना जरूर है कि साल 2026 तक हरिद्वार के कॉरिडोर का काम पूरा करने की कवायद चल रही है, ताकि आने वाले कुंभ में हरिद्वार में आने वाले श्रद्धालुओं को एक नए हरिद्वार के दर्शन करवाया जा सके. शुरुआती दौर में कहा जा रहा है कि इसका बजट तीन हजार करोड़ रूपए होगा. हालांकि समय के साथ ये बजट और अधिक हो सकता है.

ये भी पढ़ेंःहरिद्वार कॉरिडोर के विरोध में उतरे व्यापारी, कहा- धर्मनगरी की पौराणिकता को नहीं होने देंगे नष्ट

ये भी पढ़ेंःक्या ऋषिकेश हरिद्वार कॉरिडोर योजना के तहत होगी तोड़फोड़? व्यापारियों के संशय किए गए दूर

Last Updated : 23 hours ago

ABOUT THE AUTHOR

...view details