देहरादून: उत्तराखंड में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की छापेमारी के बाद अब पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत समेत वन विभाग के अधिकारी सुशांत पटनायक की कानूनी घेराबंदी शुरू कर दी गई है. इस कड़ी में बुधवार को आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक से ED के अधिकारियों ने लंबी पूछताछ की तो वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने जांच एजेंसी से 1 महीने का वक्त मांगा है.
उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क में पाखरो टाइगर सफारी मामले को लेकर ईडी की एंट्री होने के बाद संबंधित लोगों से पूछताछ का दौर शुरू हो गया है. इस कड़ी में आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक को एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट के अधिकारियों ने तलब किया और उनसे कई घंटे की पूछताछ भी की गई. जानकार बताते हैं कि इस दौरान उनके घर में मिले लाखों रुपए के कैश के बारे में जानकारी दी गई. यही नहीं विदेशी मुद्रा के सोर्स के बारे में भी सुशांत पटनायक से पूछा गया.
एक तरफ सुशांत पटनायक बुधवार को जांच एजेंसी के कार्यालय में पेश हुए तो वहीं आज हरक सिंह रावत को एजेंसी ने पूछताछ के लिए बुलाया है. खास बात यह है कि हरक सिंह रावत इन दिनों राजनीतिक कार्यक्रमों के कारण दिल्ली में हैं. उन्होंने जांच एजेंसी से फिलहाल पेश न हो पाने की बात कह दी है. इसके अलावा हरक सिंह रावत ने जांच एजेंसी को यह स्पष्ट कर दिया है कि वह फिलहाल लोकसभा चुनाव होने के कारण राजनीतिक कार्यक्रमों के कारण व्यस्त हैं. इसलिए उन्हें एक महीने का वक्त दिया जाए.
उधर हरक सिंह रावत के अलावा उनकी करीबी लक्ष्मी राणा को भी जांच एजेंसी ने पूछताछ के लिए बुलाया है. हालांकि लक्ष्मी राणा पूछताछ के लिए पेश नहीं हुईं. उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से एजेंसी के सामने पेश नहीं होने की बात कही है. इसके बाद जांच एजेंसी ने एक बार फिर नई तारीख के साथ लक्ष्मी राणा को पेश होने के लिए कह दिया है. ED ने हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत उनके बेटे और उनकी बहू को भी पूछताछ के लिए बुलाया है.
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