नई दिल्ली: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इस साल 15 अगस्त तक पहला एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने का लक्ष्य बना रहा है. इससे पहले, भारतीय वायुसेना को पहले एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमान की आपूर्ति में देरी को लेकर चिंताएं जतायी जा रही थीं.
गौरतलब है कि इस घोषणा के बाद कुल आपूर्ति कार्यक्रम में देरी में कमी आने की संभावना को बल मिला है. अमेरिकी इंजन निर्माता जीई ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक अपने जीई-404 इंजन की आपूर्ति शुरू करने का आश्वासन दिया है. रक्षा सूत्रों ने एएनआई को बताया कि एकीकरण में कुछ सॉफ्टवेयर संबंधी समस्याएं हैं. हम इन समस्याओं को दूर करने की दिशा में काम कर रहे हैं और अब इस साल 15 अगस्त से पहले पहला विमान उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रहे हैं.
पहले इस विमान को इस साल फरवरी-मार्च तक भारतीय वायुसेना को देने की योजना थी, लेकिन किसी न किसी कारण से समय-सारिणी में बदलाव होता रहा है. भारतीय वायुसेना चाहती है कि उसे एक ऐसा विमान मिले जिसमें सभी महत्वपूर्ण विनिर्देश हों. वायुसेना प्रमुख समेत भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारी इस प्रतिष्ठित परियोजना में हुई प्रगति पर करीबी नजर रख रहे हैं. वायुसेना के उप प्रमुख ने भी कार्यक्रम की समीक्षा के लिए हाल ही में एचएएल हैंगर का दौरा किया था. एचएएल ने कुछ महीने पहले लड़ाकू विमान की पहली उड़ान भरी थी.
शुरू में ऑर्डर किए गए 83 एलसीए मार्क1ए के समग्र वितरण कार्यक्रम में पहले ही कई महीनों की देरी हो चुकी है. इस देरी का कारण अमेरिका की ओर से जीई-404 इंजन की आपूर्ति में देरी रही. बताया गया कि संबंधित कंपनी के पास अन्य उच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाएं थीं. सूत्रों ने कहा कि अब अमेरिकी निर्माता ने सितंबर-अक्टूबर से हर महीने एक या दो इंजन की आपूर्ति शुरू करने का आश्वासन दिया है, लेकिन हम उनसे आपूर्ति में और तेजी लाने और हर महीने आपूर्ति की जाने वाली संख्या बढ़ाने के लिए कहेंगे.
अधिकारियों ने कहा कि सेना में स्वदेशी लड़ाकू विमान को शामिल करना सैन्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. इस अवसर पर प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया जा सकता है. एलसीए मार्क 1ए परियोजना की अवधारणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यभार संभालने के बाद बनाई गई थी. 83 विमानों के लिए 48,000 करोड़ रुपये का एक ऑर्डर पहले ही दिया जा चुका है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 97 विमानों के लिए 65,000 करोड़ रुपये का एक और ऑर्डर दिया जाएगा.