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ज्ञानवापी प्रकरण : पुनः परिसर के सर्वे को लेकर हुई सुनवाई, 16 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष रखेगा अपनी बात

वाद मित्र ने कहा- जो सर्वे हुआ, वह अधूरा, बड़े स्तर पर किया जाए

ज्ञानवापी प्रकरण.
ज्ञानवापी प्रकरण. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 10, 2024, 5:23 PM IST

वाराणसी:ज्ञानवापी मूलवाद 1991 के मामले में आज सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट्रैक कोर्ट युगल शंभू की अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान अंजुमन इंतजामिया कमेटी और इस मुकदमे के वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने अपनी बातें रखी. फिलहाल इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद आपको अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को करेगा.

लॉर्ड विश्वेश्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी का मूल वाद 1991 का यह मुकदमा सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में चल रहा है. इस मामले में आज सुनवाई थी. विजय शंकर का रस्तोगी की याचिका पर अंजुमन की तरफ से अधिवक्ताओं ने कोर्ट में अपनी पूरी बात कर ली थी. मस्जिद कमेटी के वकील ने कोर्ट में अपनी बात रखते हुए कहा कि ज्ञानवापी स्थित वजूखाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सील किया गया है. हाईकोर्ट में आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया ने शपथ पत्र देकर कहा था कि वह पूरे परिसर में खुदाई करके मौजूद ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. इसलिए यहां पर खुदाई और पुनः सर्वे की मांग सरासर गलत है. फिलहाल मस्जिद कमेटी के वकील ने अपनी बातों को रखते हुए यह भी कहा था कि जो सर्वे हुआ था श्रृंगार गौरी मामले को लेकर, उसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल कर दी गई है.

हालांकि इस बारे में लॉर्ड विशेश्वर की तरफ से वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने अपना पक्ष रखते हुए पहले कहा कि जो सर्वे पहले हुआ है, वह अधूरा है और उसे तथ्य निकल कर बाहर नहीं आए हैं. इसलिए यहां पर बड़े स्तर पर सर्वे करते हुए खुदाई की जानी जरूरी है. जिससे साक्ष्य निकलकर बाहर आ सकें और चीजें क्लियर हो सकें. इस मामले में सेंट्रल डोम के नीचे स्वयंभू लिंग के होने का भी दावा किया गया है. फिलहाल इस मामले में अब 16 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष अपनी बातें रखेगा.

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