हैदराबाद :देश की संपत्ति पर किसका कब्जा है, इसका पता लगाने के लिए वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण कराने और फिर संपत्ति का पुनर्वितरण करने की कवायद करने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वादे पर विवाद के ठीक बाद एक अन्य वरिष्ठ नेता, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने इसे और भड़का दिया है.
पूर्व प्रधानमंत्री राहुल गांधी सहयोगी रहे सैम पित्रोदा ने संयुक्त राज्य अमेरिका में विरासत कर को एक 'दिलचस्प कानून' बताया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस लोगों द्वारा छोड़ी गई संपत्ति छीन लेगी.
भाजपा ने झटक लिया मुद्दा:दरअसल सैम पित्रोदा ने भाजपा को बैठे-बिठाए मुद्दा दे दिया है. भाजपा इसे लेकर अब निशाना साध रही है वहीं, एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि भारत में विरासत कर एक बुरा विचार है. सार्वजनिक मामलों के एक टिप्पणीकार, लेखक कंचन गुप्ता ने भी इसे लेकर 'एक्स' पर लिखा, 'हर कोई इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष माओ और मुख्य नीति-निर्माता की तलाश में है@राहुल गांधी और शाही परिवार के अनुचर सैम पित्रोदा, जिन्होंने 'विरासत कर' को खतरे से बाहर कर दिया है. सैम पित्रोदा को गूगल पर 20 साल में सबसे ज्यादा सर्च किया जा रहा है.'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि 'गूगल पर 'विरासत कर' की खोज 20 साल में सबसे ऊंचे स्तर पर है. टीम@राहुल गांधी कांग्रेस ने अपने डरावने 'विरासत कर' विचार के साथ एक बड़ा लक्ष्य हासिल किया है: इसने भारत में लाखों लोगों में तेजी से बढ़ते डर को जन्म दिया है.'