पटना :पूरा होटल धधकते अंगारे में तब्दीलहो चुका था. कुछ खुशनसीब थे जिन्हें समय रहते निकाल लिया गया. जैसे जैसे समय बीतता गया अंदर फंसे लोगों तक मदद पहुंचने में भी दिक्कतें आनी शुरू हो गई. तपिश बढ़ी तो अंदर फंसे लोगों ने हिम्मत जुटाकर बाहर भागने की कोशिश की, लेकिन अफसोस बाहर निकलते-निकलते पूरा शरीर जल गया.
बहुमंजिला इमारत से कूदी युवती: होटल में आग कैसे लगी ये जांच का विषय है लेकिन इस हालत में लोग होटल के कमरे के अंदर छटपटा रहे थे, सांसें उखड़ती जा रही थी. धुएं से दम घुटता जा रहा था. जिंदगी की आस खत्म होती देख लोगों ने जिंदगी के लिए अंतिम छलांग लगानी शुरू कर दी. बालकनी तक पहुंचते पहुंचते पूरा शरीर जल उठा. फिर भी बचने के लिए नीचे कूद गए. लेकिन जान नहीं बची.
शरीर में आग.. आंखों में जीने की आस..: जलते लोग होटल के ऊपरी मंजिल से छलांग लगाकर नीचे आने लगे. एक महिला भी जलते हुए किसी कोयले की तरह धुआं धुआं होकर नीचे कूद गई. शरीर बिजली के तारों से टकराया. नीचे गिरते ही आखिरी चीख गूंजी और जीवन लीला समाप्त हो गई. एक लापरवाही ने कई जिंदगी लील ली. जो बच गए उन्हें जीवन भर का दर्द दे दिया.