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गांधी जयंती पर दो हजार छात्रों ने की 'सूत कटाई', एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज - Gandhi Jayanti 2024

Yarn Spinning on Gandhi Jayanti 2024 : महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर में महात्मा गांधी मिशन विश्वविद्यालय में करीब दो हजार छात्रों ने सूत कताई की, जो 'एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में दर्ज हो गया है.

gandhi jayanti 2024 yarn spinning by students at mgm university recorded in asia book of records
गांधी जयंती पर दो हजार छात्रों ने की 'सूत कटाई', एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज (Etv Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 2, 2024, 8:21 PM IST

औरंगाबाद: गांधी जयंती 2 अक्टूबर के अवसर पर महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर के महात्मा गांधी मिशन (MGM) विश्वविद्यालय में सामूहिक 'सूत कातने' का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान संस्थान के करीब दो हजार छात्रों ने सूत कताई की. इसके साथ ही यह एक्टिविटी 'एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' में दर्ज हो गई है, क्योंकि यह किसी शैक्षणिक संस्थान में दो हजार छात्रों और शिक्षकों द्वारा आयोजित पहली एक्टिविटी है.

सामूहिक 'सूत कातने' की एक्टिविटी में साइंस, टेक्नोलॉजी, फिलॉसफी, सोशल साइंस, मैनेजमेंट, इकोनॉमी, डिजाइन जैसी सभी संकाय के छात्र शामिल थे. महात्मा गांधी मिशन विश्वविद्यालय की ओर से महात्मा गांधी की 155वीं जयंती के उपलक्ष्य में बुधवार सुबह 7 बजे से 2000 से अधिक छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के जेएनईसी लॉन में सामूहिक चरखा 'कताई' शुरू की थी.

यह पहली बार है कि एशिया में कोई शैक्षणिक संस्थान इस तरह की पहल कर रहा है. इस गतिविधि में 250 छात्रों के कुल 8 समूह बनाए गए थे. प्रत्येक समूह ने आधे घंटे तक सूत कातकर इस गतिविधि में भाग लिया. इस गतिविधि में व्हील का इस्तेमाल किया गया.

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विलास सपकाल ने कहा कि इस गतिविधि में शिक्षकों के साथ 350 छात्रों को 'यार्न स्पिनिंग' किया. इसमें एमजीएम विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी, प्रबंधन और वाणिज्य, सामाजिक विज्ञान और मानविकी, विषय शिक्षा संकाय और डिजाइन फैक्लटी के छात्रों ने भाग लिया.

उन्होंने कहा, महात्मा गांधी के विचार हमेशा प्रेरणादायक होते हैं और एमजीएम विश्वविद्यालय महात्मा गांधी के विचारों पर आधारित विश्वविद्यालय है. यहां पूरे वर्ष विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है. साथ ही गांधीवादी दर्शन, खादी केंद्र, सर्वधर्म सामुदायिक प्रार्थना, व्याख्यान आदि पर आधारित पाठ्यक्रम भी आयोजित होते हैं.

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