कैमूर:बिहार के कैमूर जिले के कुदरा के वीर विभोर सिंह ने फरवरी 2022 में नक्सलियों से लोहा लेते हुए अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया था. इस दौरान आईईडी बम विस्फोट में उन्हें अपने दोनों पैर गंवाने पड़े, लेकिन विभोर ने हार नहीं मानी. ऐसे में बिहार के इस वीर को उनके साहस के लिए भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया.
कैमूर के विभोर सिंह को शौर्य चक्र: विभोर सिंह को उनकी बहादुरी, वीरतापूर्व सेवाओं और साहसी कार्यों के लिए राष्ट्रपति भवन के अलंकार समारोह में शौर्य चक्र प्रदान किया गया. बता दें कि सीआरपीएफ के 205 कोबरा बटालियन के सहायक कमांडेंट विभोर सिंह 25 फरवरी 2022 को औरंगाबाद जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में घने पहाड़ों और पत्थरों के बीच अपनी टीम के साथ नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन कर रहे थे.
नक्सलियों को दिया था मुंहतोड़ जवाब:तभी घात लगाए बैठे नक्सलियों ने उनपर और उनकी टीम के ऊपर अंधाधुंध फायरिंग और गोला बारूद फेंकना शुरू कर दिया. कमांडेंट विभोर सिंह और उनकी बटालियन वीरता के साथ लड़ते रहे और आगे बढ़ते रहे. इसी दौरान विभोर सिंह को आईईडी ब्लास्ट होने से दोनों पैर गंवाने पड़े लेकिन उस कठिन परिस्थिति मे भी विभोर सिंह अपने साहस का परिचय देते हुए अपने कटे पैर होते हुए भी कवर फायरिंग देते हुए अपनी पूरी टीम को उस खतरनाक परिस्थिति से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले गए.
सुरंग विस्फोट में गंवाए थे दोनों पैर: इसी बहादुर और साहसी कारनामों को देखते हुए उन्हें भारत की राष्ट्रपति मुर्मू के द्वारा शौर्य चक्र दिया गया है. इसपर विभोर सिंह ने राष्ट्रपति मुर्मू का तहे दिल से धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि 25 फरवरी 2022 की घटना को लेकर मुझे शौर्य चक्र प्रदान किया गया है. बिहार के औरंगाबाद के पचरुखिया जंगल में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे थे.