'अंगूर दाना' के देशभर में फैन (video credits ETV BHARAT) लखनऊ: फलों के राजा आम भला किसे पसंद नहीं होते. आपने आम की सैकड़ों किस्मे देखी होंगी या तो उनके नाम ही सुने होंगे. देश में ही आम की सैकड़ों प्रजातियां हैं. दुनिया के कई देशों में भी आम की खेती होती है. लेकिन जो बात आम की अनोखी किस्म 'अंगूर दाना' की है वो बात ओरों में नहीं है. लखनऊ शहर के मैंगो मैन एससी शुक्ला ने इस आम को अपने बाग में उत्पादित किया है. जो देश दुनिया में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इस आम के मुरीद हैं. यह आम इतना खास है कि लोग देखते रह जाते हैं. छोटा इतना कि पेड़ पर अंगूर के बराबर गुच्छों में लगने वाला आम. इसका वजन भी महज चार से पांच ग्राम है. मीठा इतना कि मिठाई भी इसके आगे फीकी पड़ जाए.
नेशनल अवार्ड विनर मैंगो मैन एससी शुक्ला बताते हैं कि, अंगूर दाना ईश्वर की कृपा है. प्रकृति की देन है. यह सही बात है कि, अंगूरी दाना जो इसका नाम रखा गया यह अपने आप में बड़ा विशेष है. हम जब इसके पेड़ के नीचे खड़े होते हैं तो यकीन मानिए यह लगता है कि मैं किसी अंगूर के बाग में खड़ा हूं. क्योंकि इनमें 25 से लेकर 50 के बीच बंच होते हैं और यह बंच लटकते रहते हैं. अंगूर के दाने हैं आम नहीं ऐसा फील होता है.
'अंगूर दाना' का हर कोई दीवाना (PHOTO credits ETV BHARAT) अंगूर दाना के गुणों की बात की जाए तो यह बहुत महीन छिलका है और मीठा इतना है कि अंगूर को भी फेल करता है. बेहद मीठा आम है. इसके अंदर गुठली भी है. सारे बड़े आम के गुण भी हैं. बस इसका साइज छोटा हो गया है और यह तीन से पांच ग्राम का साइज होता है. जहां तक इसके रखने की बात है जैसे लोग जामुन बेचते हैं उसी तरह से बड़े-बड़े लोगों के पास गया है. अभी अडानी के पास भी यह आम भेजा है. उन्होंने डिमांड की थी. यह रातों-रात इतना प्रसिद्ध हो गया.
'अंगूर दाना' का हर कोई दीवाना (PHOTO credits ETV BHARAT) मैंगो मैन बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसके फैन हैं. अगले सप्ताह अंगूर दाना लेकर प्रधानमंत्री के पास जाएंगे. वह हमारी सारी वैरायटी पसंद करते हैं. उन्होंने हमें इसके लिए प्रशस्ति पत्र भी दिया है. अंगूर दाना को उत्पादित करने की बात है तो 10 साल के आसपास अब हमारे पौधे हो गए हैं. अब हम इनकी ग्राफ्टिंग करेंगे और फल लाने की कोशिश करेंगे.
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