नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी की ओर से दर्ज केस में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मीसा भारती, हीमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी को नियमित जमानत दे दी है. स्पेशल जज विशाल गोगने ने सभी आरोपियों को एक-एक लाख रुपए के मुचलके पर जमानत देने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि ईडी ने जांच के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया, इसलिए उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करने की कोई वजह नजर नहीं आ रही. वहीं ईडी ने चारों की नियमित जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अगर इन्हें जमानत दी जाती है तो अपराध की गंभीरता को देखते हुए शर्तों के साथ जमानत दी जाए. ईडी की इस दलील को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने चारों को नियमित जमानत देने का आदेश दिया.
दरअसल बुधवार को राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव और ह्रदयानंद चौधरी कोर्ट में पेश हुए थे. ईडी को इन चारों को आरोपी बनाया है. इस मामले में कोर्ट ने 27 जनवरी को ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तार अमित कात्याल के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया था. बता दें कि 9 जनवरी को ईडी ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. ईडी ने चार्जशीट में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, मीसा भारती, हिमा यादव, ह्रदयानंद चौधरी और अमित कात्याल को आरोपी बनाया है. ईडी ने हाल ही में अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था.
लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी के पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. सीबीआई का मामला भी दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में ही चल रहा है. सीबीआई से जुड़े मामले में कोर्ट ने 4 अक्टूबर, 2023 को बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी को जमानत दी गई थी. इससे पहले कोर्ट ने 22 सितंबर, 2023 को सीबीआई की ओर से दाखिल दूसरी चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. वहीं 27 फरवरी, 2023 को कोर्ट ने इन तीनों आरोपियों समेत सभी आरोपियों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. वहीं 7 अक्टूबर, 2022 को लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत 16 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में सीबीआई ने भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ्तार किया था.
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दरअसल भोला यादव साल 2004 से 2009 तक लालू यादव के ओएसडी रहे थे. लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. इसका काम भोला यादव को सौंपा गया था. भोला यादव 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर सीट से विधायक चुने गए थे. बाद में सीबीआई ने लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी. सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी.
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