नई दिल्ली: देश के नामी अस्पताल दिल्ली एम्स की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए आने वाले समय में सुविधाएं बढ़ने वाली हैं. उनके इमरजेंसी में भर्ती होने की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि जल्द ही एम्स इमरजेंसी वार्ड का विस्तार किया जाएगा. दिल्ली एम्स में इमरजेंसी बेड डबल होंगे. इमरजेंसी वार्ड में 400 मरीजों के इलाज की योजना है. एम्स में फिलहाल 200 बेड इमरजेंसी वार्ड का है. अगले साल के अंत तक यह सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है.
एम्स के डायरेक्टर डॉ एम श्रीनिवास ने बताया कि फिलहाल मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एम्स के इमरजेंसी वार्ड का विस्तार करने का फैसला किया है. एम्स नई दिल्ली में फिलहाल 200 बेड का इमरजेंसी वार्ड है. इसे बढ़ाकर 400 करने की योजना है. इसके लिए जगह और तमाम तरह के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कोशिश यह भी है कि एम्स के ट्रामा सेंटर में 200 नए बिस्तर का इमरजेंसी शुरू किया जाए. अगले साल के अंत तक यह सुविधा लोगों को मिलने लगेगी.
क्रिटिकल केयर वाले मरीजों के लिए बेहतर देखभाल सुविधा
निदेशक ने बताया कि दिल्ली-एम्स अपने जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में एक नया क्रिटिकल केयर ब्लॉक शुरू करने की तैयारी कर रहा है, जिसका उद्देश्य गंभीर रूप से बीमार रोगियों की देखभाल में सुधार करना है. यह सुविधा केवल एक अतिरिक्त सुविधा नहीं है. यह गंभीर मामलों को संभालने के हमारे तरीके को बदल देगी. नए ब्लॉक में 200 बिस्तर और सबसे गंभीर और जरूरी स्थितियों के इलाज के लिए उन्नत चिकित्सा उपकरण होंगे. उन्होंने बताया कि बेहतर तकनीक और संसाधनों के साथ वह विशेष देखभाल की बढ़ती जरूरत को पूरा करना चाहते हैं. क्रिटिकल केयर ब्लॉक अस्पताल की उन रोगियों के इलाज की क्षमता को बढ़ाएगा, जिन्हें निरंतर ध्यान और उन्नत उपचार की आवश्यकता होती है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि एम्स भारत में शीर्ष-गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में अग्रणी बना रहे. नया ब्लॉक आपात स्थिति, सर्जरी के बाद की देखभाल और गहन निगरानी की आवश्यकता वाले रोगियों को संभालने में मदद करेगा.
देश के सभी एम्स को एक पोर्टल पर लाने की तैयारी
प्रो. श्रीनिवास ने बताया कि देश के सभी एम्स को इलाज के लिहाज से एक पोर्टल पर लाने के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. इसका उद्देश्य सभी मरीजों को उनके नजदीकी एम्स की ओर जाने के लिए प्रेरित करना है, ताकि दिल्ली एम्स पर मरीजों का दबाव कम हो सके. उन्होंने कहा कि यदि कोई मरीज एम्स दिल्ली आ जाता है किसी सर्जरी के लिए और वह सर्जरी उसके स्थानीय शहर अथवा राज्य में मौजूद है तो ऐसे मरीजों को तुरंत पोर्टल के माध्यम से शिफ्ट किया जाए. उन्होंने कहा कि इससे एम्स दिल्ली में मरीजों का लोड कम होगा.
सामान्य बीमारी के लिए एम्स आने की जरूरत नहीं
डॉ. एम श्रीनिवास ने देश के लोगों से इस बात की अपील की है कि सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार के लिए भी लोग एम्स आ रहे हैं. मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी सुविधा के लिए ही एम्स आना चाहिए. सामान्य बीमारी के लिए स्थानीय स्तर पर डॉक्टरों से भी संपर्क किया जा सकता है. दिल्ली जैसे शहर में कई सारे ऐसे अस्पताल हैं जहां पर सामान्य बीमारियों का इलाज बहुत आसानी से हो सकता है. इसके साथ ही वहां वेंटिलेटर की सुविधा और आईसीयू की उपलब्धता भी है.
एकीकृत सुविधा के तहत दिल्ली सरकार के अस्पतालों में रेफर किए जा सकेंगे मरीज
निदेशक ने बताया कि एकीकृत व्यवस्था हो तो मरीज को बहुत आसानी हो सकती है. दिल्ली एम्स में इस पर काम चल रहा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस बारे में एक आदेश दिया था. एम्स नोडल एजेंसी के रूप में इस पर काम कर रहा है. इसके तहत दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों को एक साथ लाने की तैयारी है. आने वाले दिनों में यदि लोकनायक अस्पताल के पास कोई आईसीयू खाली है तो वह उसे एकीकृत व्यवस्था के तहत बता सकता है कि उनके पास एक आईसीयू खाली है. ऐसे में दूसरे अस्पतालों से मरीज को तत्काल प्रभाव से वहां शिफ्ट किया जा सकता है. बाकायदा इसके लिए एम्स दिल्ली सरकार के डॉक्टरों की ट्रेनिंग भी करवा रहा है.
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