गुवाहाटी: प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) के पूर्व महासचिव अनूप चेतिया असम की क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी असम गण परिषद (एजीपी) में शामिल हो सकते हैं. चेतिया उर्फ गोलाप बरुआ उल्फा के संस्थापक नेताओं में से एक हैं. उन्हें पहली बार 1991 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन तत्कालीन असम के मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया ने उन्हें रिहा कर दिया था. बाद में उन्हें दिसंबर 1997 में बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया और तब से वे देश की अलग-अलग जेलों में बंद हैं.
नवंबर 2015 में बांग्लादेश सरकार ने चेतिया को भारत को सौंप दिया था. क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी के सूत्रों ने मंगलवार को ईटीवी भारत को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस संबंध में शुरुआती स्तर की बातचीत पूरी हो चुकी है. जब पार्टी अपना 40वां स्थापना दिवस मनाएगी उस दिन यानी की चेतिया 14 अक्टूबर को क्षेत्रीय पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
असम में भाजपा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सरकार की सहयोगी क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी तिनसुकिया जिले के पानीटोला के अंतर्गत जेराईगांव में अपना 40वां स्थापना दिवस मनाने जा रही है. उल्लेखनीय है कि जेराईगांव असम में तीन दशक से अधिक समय से चर्चा में है, क्योंकि यह उल्फा के कमांडर इन चीफ परेश बरुआ उर्फ परेश असम और संगठन के पूर्व महासचिव अनूप चेतिया उर्फ गोलाप बरुआ का भी घर है.
अनूप चेतिया का एजीपी में शामिल होना इस बात को देखते हुए महत्वपूर्ण है कि क्षेत्रीय पार्टी को बढ़ावा देने की जरूरत है. सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव के साथ-साथ 2021 के असम विधानसभा चुनाव में भी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई थी.