देहरादून: कतर की जेल से रिहा होकर भारत लौटे भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अफसरों में देहरादून के सौरभ वशिष्ठ भी हैं. मंगलवार 13 फरवरी देर रात को सौरभ वशिष्ट देहरादून स्थित अपने आवास पहुंचे, जहां परिवार वालों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. बेटे सौरभ वशिष्ट को अपने सामने देखकर 80 साल के माता-पिता की आंखें खुशी से नम हो गई थी. माता-पिता ने अपने जिगर के टुकड़े सौरभ वशिष्ठ को कसकर सीने से लगाया.
करीब 18 महीने बाद घर पहुंचे सौरभ वशिष्ठ का लोगों ने फूल-मालाओं से स्वागत किया. मां ने बेटे को गले लगाकार दुलार किया, ये पल सबको भावुक करने वाला था. सौरभ के घर लौटने से एक दिन पहले ही ईटीवी भारत की टीम ने उनके माता-पिता से बात की थी. उन्होंने बताया था कि उन्हें इस पल का बेसब्री से इंतजार था जब वो अपने बेटे को गले लगा सकेंगे. दोनों बुजुर्ग माता-पिता की आंखों में खुशी के भाव साफ नजर आ रहे थे. दरअसल, अगस्त साल 2022 में कतर सरकार ने आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था. कतर की अदालत ने 26 अक्टूबर 2023 को सभी आठ भारतीयों को मौत की सजा सुनाई थी. तभी से भारत की सरकार कतर की जेल में बंद सभी आठ भारतीयों को बचाने की कोशिश में लगी हुई थी.
वहीं, बीते साल एक दिसंबर 2023 को दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शिरकत की थी. वहीं पर पीएम मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद उल-थानी के बीच बैठक हुई थी. इसी बैठक के बाद कतर सरकार ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों की मौत की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था.