जयपुर.साहित्य के महाकुंभ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन शुक्रवार को एक सेशन में नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि हमें वो करना चाहिए, जो देश के हित में है. न कि वो करना चाहिए, जो करने के लिए हमें अमेरिका जैसे विकसित देश कहते हैं. सेशन में बातचीत के दौरान आगे उन्होंने कहा कि भारत को ग्लोबल वेल्यू चैन का एक अहम हिस्सा होना जरूरी है. हम मोबाइल बनाते हैं, जिसके सैंकड़ों उपकरण आते हैं. इस पर बहुत कम ड्यूटी होती है. आप उनमें यहां वेल्यू एड करते हैं और कम से कम कीमत पर उत्पादन कर उन्हें निर्यात करने का प्रयास करते हैं. ड्यूटी स्ट्रक्चर पर बहुत काम हो रहा है, जो काफी क्रिटिकल भी है. हमें ग्लोबली बेस्ट मैन्युफैक्चरर बनने की दिशा में काम करना होगा.
संरक्षणवाद से ही अमेरिका बना चैंपियन :अमिताभ कांत ने आगे कहा कि ये सभी देश, जैसे अमेरिका संरक्षणवाद के साथ आगे बढ़ा है, जो अब चिप सेट का चैंपियन बन गया है. वहां मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को सब्सिडी मुहैया करवाने पर जोर दिया जा रहा है. हर यूरोपीय देश संरक्षणवाद से आगे बढ़ा है.
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मेकिंग इन इंडिया से बन सकते हैं चैंपियन :उन्होंने कहा कि यूएस का एम्बेसडर यूएस की भाषा बोलता है. हमें भी हमारी भाषा बोलनी चाहिए. हम भारत को मेकिंग इन इंडिया से ग्लोबल चैंपियन बना सकते हैं. मैं समझता हूं कि अमेरिका का रवैया संरक्षणवाद का रहा है. इसी तरह का उनका रवैया क्लाइमेट चेंज को लेकर भी रहा है.