नई दिल्ली:पूर्व केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) निदेशक विजय शंकर का निधन मंगलवार को एक लंबी बीमारी के बाद हुआ. वह 76 वर्ष के थे और उनके परिवार के अनुसार, उनकी अंतिम इच्छा के अनुरूप उनका पार्थिव शरीर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) को दान कर दिया गया.
गैंगस्टर अबू सलेम ने कर दिया था सरेंडर:विजय शंकर 1969 बैच के उत्तर प्रदेश काडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी थे. उन्होंने 12 दिसंबर, 2005 से 31 जुलाई, 2008 तक CBI के निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दीं. उनके कार्यकाल के दौरान, CBI ने कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच की, जिनमें सबसे चर्चित आरुषि-हेमराज डबल मर्डर केस शामिल है. इसके अतिरिक्त, उन्होंने गैंगस्टर अबू सलेम और अभिनेत्री मोनिका बेदी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया का भी निर्वहन किया और तेलगी घोटाले की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
पार्थिव शरीर किया दान:विजय शंकर का पार्थिव शरीर जब AIIMS में दान किया गया, तो इस अवसर पर CBI के वर्तमान निदेशक प्रवीण सूद और CISF के निदेशक जनरल राजविंदर सिंह भट्टी भी उपस्थित थे. उनके परिवार ने बीते समय की इच्छा अनुसार उनके शरीर को अनुसंधान के लिए प्रदान करना चुना.
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