कोटद्वार/श्रीनगर: उत्तराखंड में वनाग्नि का तांडव रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. जंगलों लगी आग विकराल रूप लेती जा रही है. लैंसडाउन वन प्रभाग क्षेत्र में लगी आग छावनी परिसर तक पहुंच गई थी, जिस पर काबू करने के लिए सेना को भी मैदान में उतराना पड़ा, तब कहीं जाकर आग पर काबू पाया गया.
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए लैंसडाउन वन प्रभाग क्षेत्र रेंज क्षेत्राधिकारी राकेश चंद्र ने बताया कि लैंसडाउन वन प्रभाग क्षेत्र में वनाग्नि की ये पहली घटना थी. बुधवार देर रात को ही जंगलों में आग लगी थी, जिसकी लपटें लैंसडाउन छावनी क्षेत्र तक पहुंच गई थी. वन विभाग की टीम के साथ सेना के जवान भी मैदान में उतरे और करीब 12 घंटे के बाद वनाग्नि पर काबू पाया गया.
वहीं भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडाउन जहरीली रेंज के वन क्षेत्राधिकारी बीडी जोशी ने बताया कि आग रिहायशी इलाके के पास तक पहुंच गई थी. हालांकि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया. इस वनाग्नि में करीब कई हेक्टेयर जंगल जलकर नष्ट हो गए.
वहीं, स्थानीय निवासी नरेंद्र ने बताया कि आग ने इतना विकराल रूप ले लिया था, उसके धुएं से लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था. वहीं, लैंसडाउन वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी नवीन पंत ने बताया कि क्षेत्र में आग लगाने वाले की जानकारी जुटाई जा रही है. वनाग्नि की घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ तत्काल विभागीय कार्रवाई की जायेगी.
वनाग्नि से 24 घंटे के अंदर सात हेक्टेयर जंगल हुआ बर्बाद:वहीं पूरे पौड़ी जिले की बात की जाए तो बीते 24 घंटे के अंदर 7 हेक्टेयर जंगल वनाग्नि से बर्बाद हो गया. जबकि अक्टूबर से अप्रैल महीने के बीच पौड़ी जिले में वनाग्नि के करीब 20 मामले सामने आए हैं, जिसमें करीब 42 हेक्टेयर जंगल जल गया. इससे वन विभाग को करीब एक लाख 15 हजार 105 रुपए का नुकसान हुआ है.