हैदराबाद: हमारा देश विविधता से भरा हुआ है. भारत में 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं, जिनकी अपनी भाषायी, क्षेत्रीय और सांस्कृतिक पहचान है. सभी राज्यों की अपनी अलग भौगोलिक विशेषता भी है. भारत के उत्तर क्षेत्र में हिंदी भाषी राज्य हैं. पश्चिम क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्य हैं. दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा भाषायी विविधता है, यहां राज्यों का गठन भाषा के आधार किया गया था- जैसे केरल में मलयालम भाषा बोली जाती है. तमिलनाडु में तमिल, कर्नाटक में कन्नड़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में तेलुगु भाषा है. वहीं, पूर्वी भारत में ओडिशा और पश्चिम बंगाल हैं, जिनकी अपनी-अपनी भाषाएं हैं. इसी तरह पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में भी भाषायी और जातीय विविधता देखने को मिलती है.
राज्यों के जनसंख्या और क्षेत्रफल में भी बहुत भिन्नता है. कुछ राज्य क्षेत्र में बड़े हैं, लेकिन जनसंख्या के लिहाज से छोटे हैं. अगर देश के सबसे छोटे राज्य की बात की जाए तो यह बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि क्षेत्रफल या जनसंख्या के हिसाब से देश का सबसे छोटा राज्य कौन सा है. आज हम आपको बताएंगे कि देश के पांच सबसे छोटे राज्य कौन से हैं.
देश-विदेश के पर्यटकों की पहली पसंद गोवा क्षेत्रफल या आकार के मामले में भारत का सबसे छोटा राज्य है. सुंदर समुद्री तटों के लिए मशहूर गोवा का अपना ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व है. प्राचीन समुद्र तटों, पुर्तगाली प्रभाव और हरे-भरे दृश्यों की वजह से गोवा पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. गोवा का कुल क्षेत्रफल 3,702 वर्ग किमी है. ऐसा कहा जाता है कि गोवा को पहले गोवेम, गामा माचला, गोमांतक, गोपाकपट्टन और गोवापुरी भी कहा जाता था.
इसके बाद, सिक्किम भारत का दूसरा सबसे छोटा राज्य है, जिसका कुल क्षेत्रफल 7,096 वर्ग किमी है. 10,486 वर्ग किमी क्षेत्र के साथ त्रिपुरा तीसरा सबसे छोटा राज्य है. छोटे राज्यों की सूची में नगालैंड चौथे और मिजोरम पांचवें नंबर है.