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केरल में रैगिंग के आरोप में पांच नर्सिंग छात्र गिरफ्तार, कोट्टायम का मामला - RAGGING IN KERALA

केरल के एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज में रैगिंग का बड़ा मामला सामने आया है. नेताओं ने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया.

Five nursing students arrested for ragging in Kerala
केरल में रैगिंग का मामला (प्रतीकात्मक फोटो) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 12, 2025, 2:10 PM IST

कोट्टायम: केरल के एक सरकारी नर्सिंग कॉलेज के थर्ड ईयर के पांच छात्रों को नए छात्रों की रैगिंग करने के आरोप में बुधवार सुबह गिरफ्तार किया गया. फर्स्ट ईयर के छात्रों द्वारा टॉर्चर करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराने के बाद यह गिरफ्तारी की गई. कोट्टायम स्थित गांधीनगर पुलिस के मुताबिक, सभी छात्रों को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है.

घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है और मामले की जांच गांधीनगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ टी श्रीजीत कर रहे हैं. कॉलेज मैनेजमेंट ने आश्वासन दिया है कि चल रही जांच के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को सस्पेंड कर दिया है. यह मामला तब प्रकाश में आया जब एक पीड़ित के पिता ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई. शुरुआती जांच में कॉलेज प्रशासन ने घटना में शामिल पांच छात्रों को निलंबित कर दिया. कॉलेज की प्रिंसिपल ने निलंबन की पुष्टि की और कहा कि एंटी-रैगिंग कमेटी आगे की कार्रवाई करेगी.

खबर के मुताबिक, शिकायतकर्ताओं ने कहा कि उन्हें नग्न अवस्था में खड़े रहने को कहा गया. उनकी तस्वीरें ली गई तथा सीनियर स्टूडेंट्स ने नुकीली वस्तुओं से उनके शरीर पर निशान बना दिए. सीनियर स्टूडेंट्स शराब खरीदने के लिए नए छात्रों से पैसे भी वसूलते थे. जब 'टॉर्चर' बढ़ती गई तो फर्स्ट ईयर के छात्रों ने शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया. कोट्टायम जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाटकोम सुरेश ने कहा, 'पुलिस को उचित काम करना होगा.

महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सब कुछ महीनों से चल रहा है और हम जानना चाहते हैं कि कॉलेज प्रशासन क्या कर रहा था. अगर पुलिस अपना काम ठीक से नहीं कर पाती है, तो हम इस मुद्दे को उठाएंगे.' कोट्टायम से शीर्ष माकपा नेता के. अनिल कुमार ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई भी करेगी.

संयोग से यह मामला ऐसे समय में आया है जब 6 फरवरी को केरल हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें एक पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय में 18 छात्रों को पुनः प्रवेश की अनुमति दी गई थी. ये जूनियर छात्र की आत्महत्या के मामले में आरोपी थे.

उस दिन खंडपीठ ने कहा था 'रैगिंग में लिप्त छात्र बर्बरता करने वालों से भी बदतर हैं'. पीड़ित छात्र का शव 18 फरवरी, 2024 को छात्रावास के शौचालय में मिला था और आरोप लगाया गया था कि उसने आत्महत्या की.

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