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जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू, राथर बनें स्पीकर, उमर ने दी बधाई दी

जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो गया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर स्पीकर बनाए गए.

First Session of JKs Legislative Assembly today in Srinagar
जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 4, 2024, 10:19 AM IST

Updated : Nov 4, 2024, 10:50 AM IST

श्रीनगर:जम्मू- कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का पहला विधानसभा सत्र आज श्रीनगर में आयोजित किया जा रहा है. आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए स्पीकर का चुनाव हो गया. नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर इस पद के लिए चुने गए. वह 1977 से ही राजनीति का हिस्सा रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने पर अब्दुल रहीम राथर को बधाई दी. मुख्यमंत्री ने कहा, 'पूरे सदन की ओर से मैं आपको बधाई देता हूं. आपके अध्यक्ष चुने जाने पर किसी ने आपत्ति नहीं की. अब आप इस सदन के संरक्षक बन गए हैं.'

जम्मू-कश्मीर में सोमवार को नई सरकार के पहले विधानसभा सत्र से पहले सरकार में शामिल नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन के सहयोगियों ने आज अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार के नामांकन के लिए विधायक दल की बैठक की. विधानसभा सचिव मनोज कुमार पंडित द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार पूर्व सदस्यों और हस्तियों की याद को लेकर 5 नवंबर को रिजर्व रखा गया है. चिंतन के लिए एक पारंपरिक विराम है. अगले दो दिन उपराज्यपाल के अभिभाषण का विश्लेषण और उस पर प्रतिक्रिया देने के लिए समर्पित होंगे जबकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 8 नवंबर को चर्चाओं का समापन करेंगे.

सत्र की पूर्व संध्या पर पार्टी नेता रणनीतियों को अंतिम रूप देने के लिए एकत्र हुए. एनसी, कांग्रेस, सीपीआई (एम), आम आदमी पार्टी (आप) और एनसी का समर्थन करने वाले पांच निर्दलीय विधायकों सहित प्रमुख राजनीतिक खिलाड़ी एक साथ आए. सभा की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आगामी बहस और निर्णयों के लिए गठबंधन सहयोगियों के बीच एकजुटता के महत्व पर जोर दिया.

एजेंडे में 5 अगस्त 2019 के विवादास्पद परिवर्तनों पर पुनर्विचार का कोई उल्लेख नहीं है. इसके तहत जम्मू- कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था और अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त कर दिया गया था.

सत्र का मुख्य फोकस राज्य का दर्जा प्राप्त करने की कोशिश होगी. जम्मू-कश्मीर कैबिनेट ने हाल ही में इसके लिए एक प्रस्ताव पारित किया, जिसका लेफ्टिनेंट गवर्नर सिन्हा ने समर्थन किया. इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री अब्दुल्ला नई दिल्ली गए, जहां उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य का दर्जा देने का प्रस्ताव पेश किया. अपनी यात्रा के दौरान अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की, ताकि राज्य का दर्जा वापस पाने के लिए तेजी से प्रयास किया जा सके. एक ऐसा कदम जिसे वे स्वशासन और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं.

कौन हैं अब्दुल रहीम राथर?

जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्य एडवोकेट अब्दुल रहीम राथर को विधानसभा का अध्यक्ष चुना जाएगा. राथर नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता हैं. वह जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए सातवीं बार चुने गए हैं. राथर 1977 से लगातार 2014 तक नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर बडगाम जिले के चार-ए-शरीफ निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीतते रहे हैं.

हालांकि, 2014 में वे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार गुलाम नबी लोन से हार गए थे, लेकिन राथर ने 2024 के चुनावों में जोरदार वापसी की और लोन को हराया. 80 ​​वर्षीय राथर नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकारों में जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री रह चुके हैं और वे नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. जिन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के साथ सरकार में भी मंच साझा किया है.

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Last Updated : Nov 4, 2024, 10:50 AM IST

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