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दिल्ली कूच के लिए अड़े पंजाब के किसान, सड़क पर कीलें और कंक्रीट दीवार बनाकर मल्टी लेयर बैरिकेडिंग, टकराव के आसार - FARMERS DELHI MARCH

Farmers Delhi March: पंजाब के किसान एक बार फिर से दिल्ली कूच के लिए अड़ गए हैं. हरियाणा पुलिस ने मल्टीलेयर बैरिकेडिंग की है.

Farmers Delhi March
Farmers Delhi March (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 8, 2024, 7:40 AM IST

Updated : Dec 8, 2024, 12:35 PM IST

चंडीगढ़/अंबाला: हरियाणा पंजाब के शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान आज एक बार फिर से दिल्ली कूच के लिए अड़ गए हैं.. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि 6 दिसंबर को भी हमने दिल्ली कूच की कोशिश की थी, लेकिन ने पुलिस ने आगे जाने नहीं दिया. इस दौरान किसानों की पुलिस से झड़प हुई. इस झड़प में 16 किसान घायल हुए हैं. अगर मामूली रूप से घायल किसानों को इसमें शामिल कर लिया जाए, तो संख्या 25 से ज्यादा है.

आज फिर दिल्ली कूच करेंगे किसान: किसान नेता ने कहा कि घायलों में से एक किसान की सुनने की शक्ति चली गई है. उन्होंने कहा कि हम पुलिस-प्रशासन के साथ टकराव नहीं चाहते. इसलिए हमने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच स्थगित कर सरकार को बातचीत के लिए वक्त दिया, लेकिन सरकार ने बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं रखा. जिसके बाद 8 दिसंबर यानी आज दोपहर 12 बजे के करीब 101 किसानों की जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक लिया.

किसानों को रोकने के लिए मल्टी लेयर बैरिकेडिंग की गई है. (Etv Bharat)

'नहीं सुन रही सरकार': शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा "किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) का विरोध 300वें दिन में प्रवेश कर गया है। लेकिन केंद्र सरकार अभी भी अड़ी हुई है. हमने एक और बड़ी घोषणा की कि हम पंजाब में भाजपा नेताओं के प्रवेश का विरोध करेंगे। हमें यकीन नहीं है लेकिन हमने सुना है कि सैनी (हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी) और गडकरी (केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी) अमृतसर जा रहे हैं. हम पंजाब के किसानों से राज्य में उनके प्रवेश का विरोध करने का आह्वान करते हैं."

किसानों को रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी: हरियाणा पंजाब और हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. हरियाणा पुलिस ने अंबाला शंभू बॉर्डर पर मल्टी लेयर बैरिकेडिंग की है, ताकि किसानों को आगे बढ़ने से रोका जा सके.

हरियाणा पुलिस की मीडियाकर्मियों से अपील: किसानों को दिल्ली कूच को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने मीडिया कर्मियों से अपील की है कि वो आंदोलन स्थल से दूरी बनाकर रखें. हरियाणा पुलिस ने कहा "शंभू बॉर्डर अथवा किसी भी अन्य स्थान पर जहां क़ानून व्यवस्था सम्बंधित ड्यूटी चल रही हो वहां भीड़ से उचित दूरी बनाकर रखें. डीजीपी पंजाब से भी अनुरोध की वे पंजाब की सीमा में पत्रकारों को बॉर्डर से कम से कम 1 किलोमीटर की दूरी पर रोके."

दातासिंह वाला बॉर्डर पर भी सुरक्षा कड़ी: जींद और पंजाब के दातासिंह वाला बॉर्डर पर भी सुरक्षा कड़ी की गई है. दातासिंह वाला बॉर्डर फिलहाल सील है. किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए फोर्स की तैनाती को बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा उझाना और नरवाना नहर से नाके हटा दिए गए हैं. यहां पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी भी नहीं लगी है. किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान के चलते उझाना तथा नरवाना सिरसा ब्रांच नहर पर नाके लगाए थे.

6 दिसंबर को भी की थी दिल्ली जाने की कोशिश: इससे पहले किसानों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच के लिए पैदल मार्च शुरू किया था. दोपहर 1 बजे 101 किसानों का जत्था आगे बढ़ा, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर ही रोक लिया. पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए 3 लेयर सुरक्षा का घेरा बनाया हुआ था. इस दौरान किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी देखने को मिली.

सड़क पर कीलें और कंक्रीट दीवार बनाकर मल्टी लेयर बैरिकेडिंग (Etv Bharat)

पुलिस और किसानों के बीच हुई थी झड़प: 6 दिसंबर को दिल्ली कूच के दौरान पहले किसानों ने बैरिकेडिंग उखाड़ दी. इसके बाद कंटीले तारों को उखाड़ा और सीमेंट में गाड़ी गईं कीलें निकाल दीं. इसके बाद पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. कुछ किसान पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गए. उन्हें रोकने के लिए पुलिस के जवानों ने पेपर स्प्रे किया. जिसके बाद किसान पीछे हो गए. इस पूरे घटनाक्रम में कई किसान घायल हो गए.

क्या हैं किसान संगठनों मांगे? किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि सभी फसलों की MSP पर खरीद का गारंटी का कानून बने. डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसल की कीमत तय हो. डीएपी खाद की कमी को दूर किया जाए. किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए. लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए. मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.

300 दिन से जारी है शंभू बॉर्डर पर पंजाब के किसानों का धरना (Etv Bharat)

इसके अलावा किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए. मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी दी जाए. नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए. मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए. संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.

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Last Updated : Dec 8, 2024, 12:35 PM IST

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