चंडीगढ़/अंबाला: हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान आज दिल्ली के लिए रवाना हुए. 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुआ, लेकिन पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग कर रोक लिया. जिसके बाद किसानों और पुलिस में बहस भी देखने को मिली. इससे पहले बड़ी संख्या में किसान शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा हुए और रणनीति तैयार की. किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा को पुख्ता किया. ड्रोन के जरिए किसानों की हर मूवमेंट पर नजर रखी गई. इसके अलावा बैरिकेडिंग भी की गई.
दिल्ली के लिए रवाना हुआ 101 किसानों का जत्था: शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 101 किसानों का एक समूह शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर पैदल मार्च करेगा. उनका बैरिकेड्स तोड़ने का कोई इरादा नहीं है.
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने क्या कहा? किसानों के 'दिल्ली चलो' प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा "इससे पहले जब किसानों का प्रदर्शन हुआ था, तब सरकार ने किसानों को MSP देने का वादा किया था. जब से यह वादा पूरा नहीं हुआ, तब से किसान शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आज फिर से किसानों ने दिल्ली कूच करने का फैसला किया है जो सरकार के अपने वादे से मुकरने का संकेत है. हम मांग करते हैं कि सरकार तुरंत किसानों से बात करे."
अनिल विज ने दी प्रतिक्रिया: किसानों के विरोध प्रदर्शन पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, "क्या उन्होंने अनुमति ली है? बिना अनुमति के उन्हें (दिल्ली) जाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है? अगर उन्हें अनुमति मिलती है, तो उन्हें अनुमति दी जाएगी. आप वहां एक कार्यक्रम के लिए जा रहे हैं अगर आपको वहां बैठना है, तो आपको अनुमति लेनी होगी."
शंभू बॉर्डर के आसपास इंटरनेट सेवा बंद: किसानों के आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने शंभू बॉर्डर के आसपास के इलाकों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है. अंबाला के अधिकार क्षेत्र में आने वाले गांवों डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बारी घेल, लहर्स, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू के क्षेत्र में इंटरनेट सेवा को बंद किया गया है. 9 दिसंबर तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी.
'शांतिपूर्ण रहेगा किसानों का प्रदर्शन': वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा "केंद्र और राज्य सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि उन्हें किसानों के ट्रैक्टरों पर दिल्ली की ओर बढ़ने से समस्या है. 101 किसानों का एक समूह शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर बढ़ेगा. हमारा बैरिकेड तोड़ने का कोई इरादा नहीं है. हमें उम्मीद है कि सरकार हमें दिल्ली की ओर बढ़ने और शांतिपूर्वक विरोध करने की अनुमति देगी. किसानों की तरफ से बातचीत के दरवाजे खुले हैं. हम कहते रहे हैं कि अगर सरकार बात करना चाहती है, तो वो हमें केंद्र सरकार या हरियाणा या पंजाब के सीएम कार्यालय का पत्र दिखाएं."
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप: किसानों का कहना है कि सरकार ने उनसे जो वादे किए थे, वो पूरे नहीं किए हैं. सवाल किया कि सरकार उन्हें सीमाओं पर क्यों रोक रही है? किसानों ने कहा कि हम यहां विरोध प्रदर्शन पर हैं और दिल्ली तक जाएंगे. सरकार जो चाहे कर सकती है. वो हमें शांतिपूर्वक विरोध क्यों नहीं करने दे रहे हैं? भाजपा सरकार, केंद्र सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है."
सुखविंदर कौर नाम की महिला किसान ने कहा कि विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा और हरियाणा सरकार के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पैदल ही विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.
'हमें पैदल दिल्ली क्यों नहीं जाने दे रही सरकार?' सुखविंदर कौर ने कहा "हमने हरियाणा सरकार के विचारों को ध्यान में रखते हुए पैदल ही विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया. इसके बावजूद, वो हमारे खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं और पंजाब में नोटिस चिपका दिए हैं. हमारे पास अपने झंडों और बैग के अलावा कुछ नहीं है. जब हम दिल्ली पहुंचेंगे, अगर हमें सरकार से अनुमति लेने के लिए कहा जाता है, तो हम ऐसा करेंगे. हम अपनी योजना पर कायम रहेंगे और देखेंगे कि सरकार हमारे साथ क्या करती है."