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सरकारी अस्पताल में सात महीने से फर्जी डॉक्टर कर रहा था लोगों का इलाज, मामला सामने आने पर अधिकारियों के उड़े होश - Fake doctor arrested

Fake doctor arrested from Rourkela. ओडिशा के सरकारी अस्पताल से एक फर्जी डॉक्टर को पकड़ा गया है. आरोपी झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम का रहने वाला है. आरोपी सात महीने से डॉक्टर बन कर लोगों का इलाज कर रहा था.

Fake doctor arrested from Rourkela
गिरफ्तार आरोपी के साथ पुलिसकर्मी (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 28, 2024, 10:19 AM IST

राउरकेला:झारखंड का एक व्यक्ति ओड़िशा के एक सरकारी अस्पताल में पिछले सात महीनों से डॉक्टर बन कर लोगों का इलाज कर रहा था. जैसे ही यह मामला सामने आया लोगों के साथ ही अधिकारियों के भी होश उड़ गए. पुलिस ने फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है. पूरा मामला राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) का है.

गिरफ्तार आरोपी की पहचान पद्मनाभन मुखी करुआ के रूप में हुई है. वह झारखंड के सिंहभूम जिले के राजनगर थाना अंतर्गत टियासरा का रहने वाला है. पद्मनावन झारखंड के डॉक्टर रमेश चंद्र झा का फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर आरजीएच के डायलिसिस विभाग में एक आउटसोर्सिंग फर्म (राही केयर प्राइवेट लिमिटेड) के माध्यम से एक या दो महीने नहीं बल्कि 7 महीने से अधिक समय से काम कर रहा था. हैरत की बात तो यह है कि आरोपी ने सिर्फ 12वीं तक की पढ़ाई कर रखी है.

"हमने अपने उच्च अधिकारियों को भी इस घटनाक्रम के बारे में सूचित कर दिया है. मुझे नहीं पता कि वह एक डॉक्टर के प्रमाण पत्र से छेड़छाड़ करने में कैसे कामयाब रहा." - गणेश दास, निदेशक, राउरकेला सरकारी अस्पताल

आरोपी की आरजीएच में नियुक्ति डॉक्टर रमेश चंद्र झा के मूल प्रमाण पत्र का फोटो अपलोड करने के बाद हुई. आरजीएच के विभागीय अधिकारी ने पद्मनावन को ओडिशा मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण कराने के लिए भी कहा. जिसके बाद पद्मनाभन ने ओडिशा काउंसिल ऑफ मेडिकल सेंटर्स के साथ भी पंजीकरण कराया. फिर उस रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को आरजीएच के डिविजनल ऑफिसर के पास जमा करा दिया. विभागीय अधिकारी को यह पता नहीं चल सका कि फर्जीवाड़ा इतनी चतुराई से किया गया है.

"उसे (मुखी) तकनीकी ज्ञान है, हम उसे सेवा के लिए प्रति वर्ष 6 लाख रुपये दे रहे थे. हमें कल ही पता चला कि उसने नौकरी हथियाने के लिए जाली दस्तावेज बनाए हैं. हमें पुलिस स्टेशन से यह भी पता चला कि इसी कारण से उसके खिलाफ पहले भी कार्रवाई की गई थी. वह अस्पताल में मरीजों के पर्यवेक्षक के रूप में काम कर रहा था. उसे नौकरी से निकाल दिया गया है. हम उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करेंगे.” - मयूर अग्रवाल, एरिया मैनेजर, राही केयर प्राइवेट लिमिटेड

लोन लेना पड़ गया आरोपी को महंगा

आरोपी के लिए सब सही चल रहा था. लेकिन, एक निजी कंपनी से लोन लेना उसे महंगा पड़ गया. मुखी ने एक निजी कंपनी से ऋण के लिए जब आवेदन किया, तब जाकर पूरा मामला सामने आया. जिसके बाद रघुनाथपाली पुलिस ने उसे हिरासत में लिया. जांच के तहत मुखी से पूछताछ की जा रही है.

पहले भी पकड़ा जा चुका है आरोपी

खबरों के मुताबिक, मुखी को पहले (2019) पुलिस ने फर्जी प्रमाण पत्र दिखाकर नुआ गांव ब्लॉक में मरीजों का इलाज करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. स्थानीय निवासियों के आरोप के बाद उसे गिरफ्तार कर कोर्ट भेज दिया गया था. हालांकि, जेल से बाहर आने के बाद मुखी झारखंड के रमेश चंद्र झा नामक डॉक्टर का प्रमाण पत्र बनाकर राउरकेला सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के रूप में काम कर रहा था.

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