गुवाहाटी : कांग्रेस की असम इकाई के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने दावा किया है कि राज्य में एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ने की विपक्षी पार्टियों की कोशिश राष्ट्रीय राजनीति के कारण विफल हो गई. उन्होंने दावा किया कि राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) का अलग चुनाव लड़ना उसकी सबसे बड़ी भूल होगी, जबकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के लिए कोई भी निर्वाचन क्षेत्र देने से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के इनकार ने पूर्वोत्तर राज्य में गठबंधन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है.
बोरा ने साक्षात्कार में कहा, 'इंडिया' गठबंधन के गठन से आठ महीने पहले हमने यूनाइटेड अपोजिशन फोरम, असम (यूओएफए) का गठन किया था. इस फोरम में 16 दल हैं और इनमें से तीन दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं. लेकिन यह स्थिति राज्य में मेरे नेतृत्व या राजनीति के कारण नहीं बनी, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के कारण बनी.' राज्य की कुल 14 सीटों में से कांग्रेस 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि एक सीट यूओएफए सदस्य असम जातीय परिषद (एजेपी) के लिए छोड़ी गई है.
यूओएफए में शामिल आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राज्य में अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं. बोरा ने बताया कि आप और कांग्रेस के बीच दिल्ली में सीट बंटवारे का समझौता है, लेकिन पंजाब में सभी सीटों पर दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ रही हैं. उन्होंने कहा, 'आप ने असम में तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की, लेकिन सौभाग्य से उन्होंने गुवाहाटी से अपने उम्मीदवार को हटा लिया है. मैंने (आप के प्रदेश अध्यक्ष) भबेश चौधरी से अनुरोध किया था कि उन्हें अकेले चुनाव नहीं लड़ना चाहिए और हम उन्हें (आम आदमी पार्टी) एक सीट देने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्होंने तीन सीट पर जोर दिया.'