नई दिल्ली:विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री हान डक-सू से भेंट की और उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की. जयशंकर दक्षिण कोरिया और जापान की चार दिवसीय यात्रा के पहले चरण में सियोल आए हैं.
विदेश मंत्री जयशंकर बुधवार को कहा, 'भारत ने संबंधों को और अधिक समकालीन बनाने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, अर्धचालक, हरित हाइड्रोजन, मानव संसाधन गतिशीलता, परमाणु सहयोग, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन आदि जैसे नए क्षेत्रों में दक्षिण कोरिया के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने में रुचि व्यक्त की है'. उनकी टिप्पणी तब आई जब उन्होंने आज यहां नई दिल्ली में 10वीं भारत-दक्षिण कोरिया संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की.
अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, '2015 में प्रधान मंत्री की यात्रा के दौरान, भारत और कोरिया के बीच संबंध एक विशेष रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ गए थे. हमें उस पर खरा उतरना होगा. बीते वर्षों में हम और अधिक सशक्त हुए हैं. हम वास्तव में एक-दूसरे के लिए महत्वपूर्ण भागीदार बन गए हैं.
जयशंकर ने जोड़ा, 'हमारे द्विपक्षीय आदान-प्रदान - व्यापार, निवेश, रक्षा और एस एंड टी सहयोग, सभी में लगातार वृद्धि देखी गई है. सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों में गति बनाए रखते हुए, अब हम इसे नए क्षेत्रों, जैसे महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, अर्धचालक, हरित हाइड्रोजन, मानव संसाधन गतिशीलता, परमाणु सहयोग, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, आदि में विस्तारित करने में बहुत रुचि लेंगे. हमारे संबंधों को और अधिक समसामयिक बनाने के लिए'. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत और कोरिया के बीच विचारों में समानता बढ़ रही है. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना एक अच्छा मामला है और इसकी स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि में दोनों का योगदान है.