नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान के बाद अब सभी को मतगणना का इंतजार है. मतगणना के बाद दिल्ली का ताज किसके सिर पर सजेगा यह साफ हो जाएगा. इस बीच एग्जिट पोल की माने तो बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता एग्जिट पोल को नकारते हुए अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं. ऐसे में अगर बीजेपी की सरकार बनती है तो इस जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा. इसको लेकर भी चर्चा तेज हो गई है. अगर बात करें तो इस विधानसभा चुनाव में दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों को लेकर के जमकर सियासत हुई.
केजरीवाल के द्वारा पूर्वांचल के लोगों पर की गई टिप्पणी के बाद भाजपा ने पूर्वांचली वोटरों को अपनी ओर खींचने की पूरी कोशिश की. अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि भाजपा पूर्वांचलियों के फर्जी वोट बनवा रही है. अब देखना यह होगा कि अगर पूर्वांचली वोटरों का अधिक रुझान भाजपा की ओर रहा है और रुझान की वजह से चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में जाते हैं तो भाजपा किन नेताओं को इसका श्रेय देगी.
''अगर भाजपा में पूर्वांचल के बड़े कद वाले नेताओं की बात करें तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं तीसरी बार के सांसद मनोज तिवारी भाजपा का बड़ा पूर्वांचली चेहरा हैं. इसके अलावा भाजपा पूर्वांचल मोर्चा के पदाधिकारी एवं लक्ष्मी नगर के विधायक अभय वर्मा भी पूर्वांचल के बड़े चेहरे माने जाते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर पूर्वांचल मतदाताओं का अधिक झुकाव भाजपा की ओर रहता है और भाजपा सत्ता में आती है तो मनोज तिवारी व अभय वर्मा का कद बढ़ सकता है. इसके अलावा पूर्वांचल से आने वाले भाजपा के प्रदेश महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह को भी इसका इनाम मिल सकता है.''- बद्रीनाथ सिंह, राजनीतिक विश्लेषक
चुनाव प्रचार में जमकर डटे रहे मनोज तिवारी:राजनीतिक विश्लेषक बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि अगर चुनाव प्रचार में मेहनत करने की बात करें तो मनोज तिवारी ने विधानसभा चुनाव में जमकर चुनाव प्रचार किया. मनोज तिवारी ने करीब 100 जनसभाएं और रोड शो करके पूर्वांचल मतदाताओं को भाजपा की ओर खींचने की पुरजोर कोशिश की. मनोज तिवारी की कोशिश रही कि दिल्ली की हर विधानसभा सीट पर उनका कोई न कोई कार्यक्रम हो. इसका फायदा भी भाजपा को चुनाव में हो सकता है. अभय वर्मा खुद चुनाव लड़ने के चलते दूसरी जगह पर जाकर ज्यादा प्रचार तो नहीं कर सके, लेकिन लक्ष्मी नगर सीट जीतने के बाद लगातार दूसरी बार विधायक बनने और भाजपा को पूर्वांचल चेहरे के रूप में अभय वर्मा को आगे बढ़ा सकती है. बता दें कि आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल द्वारा वोटर लिस्ट में नाम कटवाने व जुड़वाने के मुद्दे पर यूपी-बिहार के लोगों पर टिप्पणी ने आग में घी डालने जैसा काम किया था.
दिल्ली में रहते हैं 30 फीसद पूर्वांचल के लोग:बता दें कि आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का सबसे पहले ऐलान कर दिया था. बाबा साहेब अंबेडकर के मुद्दे पर दलित वोट बैंक को एकजुट करने में जुटी हुई थी, तो उसके बाद महिलाओं, बुजुर्गों, पुजारियों, जाट वोट बैंक को साधने में जुटी हुई थी. केजरीवाल द्वारा यूपी-बिहार से लाकर अवैध वोट बनवाने के बयान को बीजेपी ने लपकते हुए जिस तरह हमला बोला, आम आदमी पार्टी भी असहज महसूस कर रही है. सुबह इस मुद्दे पर संजय सिंह सफाई देने पार्टी कार्यालय में आए तो केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि उनके बयान को नहीं दिखाने का संदेश दिया जा रहा है. आम आदमी पार्टी ने 70 सीटों के लिए जो प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है, उनमें 12 पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं.