हैदराबाद:हर साल लाखों की संख्या लोग सड़क हादसा, प्राकृतिक आपदा या मानव निर्मित आपदा व विभिन्न के रोगों के शिकार होते हैं. इनमें ज्यादातर लोगों को समय पर सही उपचार की आवश्यकता होती है. कुछ लोग भाग्यशाली होते हैं जिन्हें समय पर आपातकालीन चिकित्सा सुविधा मिल पाती है, जिससे कई लोगों का जीवन बच जाता है तो कई लोग दिव्यांग होने से बच जाते हैं. 27 मई को आपातकालीन चिकित्सा दिवस मनाने का उद्देश्य हर जरूरतमंद को समय पर आपातकालीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकारों व नोडल एजेंसी को प्रेरित करना है.
आपातकालीन चिकित्सा दिवस के कई उद्देश्य हैं
- किसी भी प्रकार की तत्काल या आकस्मिक चिकित्सा स्थिति के बाद जीवित रहने की क्षमता बढ़ाना
- विकलांगता को कम करने के लिए दुनिया में हर जगह अच्छी तरह से विकसित करना
- बेहतर व संगठित आपातकालीन चिकित्सा प्रणालियों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करना
- दुनिया भर के नागरिकों, रोगियों, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों और संस्थानों को आपातकालीन चिकित्सा के बारे में बात करना.
- सरकारों व नियामक एजेंसियों को अल्पकालीक व दीर्धकालीक परियोजनाएं बनाने के लिए प्रोत्साहित करना.
- आपातकालीन चिकित्सा में विशेषज्ञ चिकित्सक व कर्मियों की तैनाती की मांग.
- आपातकालीन चिकित्सा प्रणालियों को सही तरीके से संरचित करना.
- आपातकालीन चिकित्सा प्रणाली के लिए दक्षताएं मानकीकृत और प्रमाणिक बनाना.
- आपातकालीन चिकित्सा के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराना.
- आपातकालीन चिकित्सा प्रणाली के लिए तकनीकि संरचना को बेहतर बनाना.
भारत में केंद्र सरकार की ओर से आपातकालीन व आवश्यक सेवाओं के लिए एकीकृत नंबर प्रणाली को विकसित किया जा रहा है. इनमें से कई आपातकालीन एक्टिव है. एकीकृत आपातकालीन नंबर पूरे देश के लिए एक होता है, लेकिन किसी जिस इलाके से आपातकालीन नंबर पर डायल किया जाता है तो वहां मौजूद स्थानीय आपातकालीन एजेंसियों के पास कॉल सीधे चला जायेगा. संबंधित आपातकालीन एजेंसी मदद के लिए पहुंच जायेगा. कुछ प्रमुख नंबर इस प्रकार हैं. राष्ट्रीय आपातकालीन नंबर- 112, एम्बुलेंस-102, अग्निशमन सेवा-101, पुलिस-100.