नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2025 में भारत के मेडिकल टूरिज्म सेक्टर को बढ़ाने पर ध्यान दिया गया. यह कदम हेल्थ सर्विस और वेलफेयर सर्विस के लिए ग्लोबल सेंटर के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए तैयार है. मेडिकल टूरिज्म पर सरकार का जोर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर पैदा करने और दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवा चाहने वालों के लिए भारत को एक पसंदीदा डेस्टिनेशन बनाने की इसकी क्षमता को रेखांकित करता है.
मेडिकल टूरिज्म का मतलब मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए दूसरे देश की यात्रा करना है, जो अक्सर अपने देश की तुलना में कम लागत पर हाई क्वालिटी मेडिकल केयर उपलब्ध होने के कारण होता है. मोडिकल टूरिज्म में शामिल लोग कई तरह की सेवाओं की तलाश करते हैं, जिनमें सर्जरी, स्पेशल ट्रीटमेंट, वेलनेस थेरेपीज और यहां तक कि कॉस्मेटिक प्रोसिजर्स भी शामिल हैं.
भारत अपने स्टेब्लिश हेल्थ सर्विस इंफ्रास्ट्रक्चर, स्किल मेडिकल प्रोफेशनल्स और सस्ती सेवाओं के लिए जाना जाता है. भारत लंबे समय से मेडिकल टूरिस्ट के लिए एक लोकप्रिय विकल्प रहा है, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका, यूके और मध्य पूर्व जैसे देशों के लिए.
वित्त मंत्री ने मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए उपाय पेश किए
बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण ने मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों का प्रस्ताव रखा, जिसमें एक डेडिकेटेड मेडिकल वीजा कैटेगरी का विकास और अंतरराष्ट्रीय रोगियों के लिए बेहतर सुविधाएं शामिल हैं.
सरकार की पहल का उद्देश्य वीजा प्रक्रिया को सरल बनाना है, जिससे रोगियों और उनके परिवारों के लिए भारत में इलाज प्राप्त करना आसान हो सके इसके अलावा प्रस्ताव में अंतरराष्ट्रीय मरीजों को दी जाने वाली चिकित्सा सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना शामिल है, जिसमें विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा बनाने और दूरस्थ परामर्श के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा में भारत को हेल्थ और मेडिकल रिसर्च सेंटर के रूप में स्थापित करना शामिल है, जिसमें हेल्थ सर्विस प्रोवाइडर्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. सरकार आयुर्वेद और योग सहित पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा में भारत की ताकत को बढ़ावा देने का इरादा रखती है.
यह क्यों महत्वपूर्ण है?
मेडिकल टूरिज्म दुनिया भर में तेजी से बढ़ता हुआ उद्योग है और भारत इसका लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है. देश का हेल्थ सर्विस सेक्टर गुणवत्ता से समझौता किए बिना प्रतिस्पर्धी मूल्य प्रदान करता है, जो किफायती इलाज चाहने वाले विदेशी मरीजों को आकर्षित करता है. इसके अलावा भारत का मजबूत चिकित्सा बुनियादी ढांचा, उच्च प्रशिक्षित स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के साथ मिलकर इसे हार्ट सर्जरी, ओर्गन ट्रांसप्लांट और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट जैसे स्पेशल ट्रीटमेंट चाहने वाले लोगों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है.
मेडिकल टूरिज्म में सुधार करके भारत न केवल अपने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को बढ़ावा दे सकता है, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति दे सकता है, मेडिकल और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में रोजगार पैदा कर सकता है और खुद को ग्लोबल हेल्थ सर्विस में लीडर के रूप में स्थापित कर सकता है. बजट 2025 में उल्लिखित सरकार के दृष्टिकोण से स्वास्थ्य सेवा और पर्यटन दोनों क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे भारत की एक टॉप मेडिकल डेस्टिनेशन के रूप में प्रतिष्ठा बढ़ेगी.