बिहार में कैसे रोज खाएं अंडे जब उत्पादन ही कम (ETV Bharat) पटना: जितना बिहार में अंडे का उत्पादन नहीं है उससे ज्यादा खपत है. फिर भी अंडे के प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय खपत से बिहार काफी कम है. इसकी पूर्ति करने के लिए बिहार को हो रह साल डेढ़ हजार करोड़ रुपए का अंडा दूसरे राज्यों से मंगाना पड़ता है. हालांकि, बिहार सरकार का ध्यान पिछले कुछ सालों से अंडा उत्पादन पर गया है, क्योंकि अंडे में प्रोटीन और विटामिन प्रचुर मात्रा में है. जिसकी वजह से इसकी डिमांड भी बढ़ी है. अंडा उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर हो इसकी कोशिश हो रही है, लेकिन अभी इसमें बहुत कुछ करने की जरूरत है.
बिहार में अंडा की प्रति व्यक्ति खपत: बिहार में अभी प्रति व्यक्ति सालाना 25 अंडा की उपलब्धता है. सरकार की तरफ से इसे बढ़ाकर 50 करने का लक्ष्य रखा गया है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग इसकी तैयारी भी कर रहा है. कई तरह के स्कीम भी लाये गए हैं, लेकिन राष्ट्रीय औसत की बात करें तो प्रति व्यक्ति सालाना खपत 90 अंडा का है यानि राष्ट्रीय औसत से बिहार का औसत काफी कम है. राष्ट्रीय औसत भी ICMR के मुताबिक आधा है.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat) बिहार में प्रति दिन 70 लाख अंडे का उत्पादन: बिहार को अपनी जरूरत पूरा करने के लिए करीब डेढ़ हजार करोड़ का अंडा हर साल आंध्र प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से मंगाना पड़ता है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के आंकड़ों को देखें तो बिहार में प्रतिदिन 60 से 70 लाख अंडे का उत्पादन हो रहा है. सालाना की बात करें तो यहां 300 करोड़ से अधिक अंडे का उत्पादन हो रहा है.
बिहार के अंडा उत्पादक जिले: पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग को हाल ही में जिलों से मिली रिपोर्ट के अनुसार गोपालगंज में 887600 अंडा प्रतिदिन उत्पादन कर रहा है, जो कि बिहार में टॉप पर है. गोपालगंज के बाद दूसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर है, तीसरे स्थान पर वैशाली, चौथे स्थान पर बेगूसराय, 5 वें स्थान पर सिवान और छठे स्थान पर पटना है.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat) अंडा उत्पादन में फिसड्डी जिले: बिहार में अरवल में सबसे कम अंडा का उत्पादन प्रतिदिन हो रहा है. यहां केवल 7166 अंडा का ही उत्पादन हो रहा है. बिहार सरकार ने लगभग 70000 प्रारंभिक स्कूलों के मिड डे मिल में अंडे देने का प्रावधान कर रखा है. वहीं आंगनबाड़ी केद्रों में भी बच्चों को अंडा दिया जाता है. क्योंकि अंडा में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं. ऐसे तो सालों भर अंडा की डिमांड है लेकिन जाड़े के मौसम में अंडा की बिक्री अधिक होती है.
'उत्पादन से ज्यादा डिमांड': पिछले 40 सालों से अंडा के होलसेल और खुदरा व्यवसाय में जुड़े हुए सफीक आलम का कहना है कि ''बिहार में अभी भी उत्पादन काफी कम है. जरूरत को पूरा करने के लिए आंध्र प्रदेश के कई स्थानों से अंडा मंगाया जाता है. उसके अलावा पंजाब से भी अंडा आता है. बंगाल और दूसरे स्थान से भी अंडा मंगाया जाता है. बिहार में अब पहले जैसा व्यवसाय नहीं रहा है. पहले इस व्यवसाय में मुनाफा ज्यादा था, लेकिन अब इसमें मुनाफा कम है. राजधानी पटना में सिवान से अंडा मंगा कर पूर्ति की जाती है.''
अंडे में मिलता है प्रचुर मात्रा में प्रोटीन (ETV Bharat) ''अंडा को लोग बड़े चाव से कहते हैं, परवेज आलम का कहना है कि लोगों के लिए अंडा कई तरह से फायदा पहुंचाता है. पौष्टिक तो हैं ही महंगी सब्जी से सस्ता है और इससे कई तरह के टेस्टी डिश तैयार हो जाते हैं.''- परवेज आलम, खरीददार
'बच्चों के विकास के लिए अंडा जरूरी' : चिकित्सक भी कहते हैं कि अंडा शरीर के लिए फायदेमंद है. चिकित्सक दिवाकर तेजस्वी का कहना है कि ''इसमें प्रोटीन के अलावा विटामिन ए, डी, बी12 भी पर्याप्त मात्रा में होता है. अंडा मांसपेशियों और हड्डी को मजबूत बनाता है. इम्यूनिटी सिस्टम को भी यह मजबूत करता है तो बच्चों के ग्रोथ के लिए अंडा बहुत ही जरूरी है.''
मिड डे मील के मेन्यू में शामिल अंडा (ETV Bharat) अंडा उत्पादन में बिहार सरकार दे रही अनुदान: बिहार में अंडा उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से स्कीम भी चलाई जा रही है. जिसमें सरकार अनुदान भी दे रही है. सरकार की ओर से 5000 और 10000 क्षमता की फार्म स्थापित करने के लिए 30% तक अनुदान दिया जा रहा है. एससी-एसटी को तो 40% अनुदान सरकार दे रही है.
सरकार का अंडा उत्पादन के लिए प्रयास: 2024-25 वित्तीय वर्ष में 40000 गरीब महिलाओं को बहुत ही कम दर पर 28 दिनों का चूजा देने का प्रावधान भी सरकार करने जा रही है. सरकार की ओर से प्रतिदिन 10000 अंडा उत्पादन क्षमता वाले लेयर फार्म के लिए एक एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है. प्रति यूनिट लागत खर्च 1 करोड़ है. इसमें सामान्य वर्ग के किसान को 30 लाख और एससी-एसटी वर्ग के किसान को 40 लाख रुपए अनुदान सरकार देगी. वहीं 5000 क्षमता वाले फार्म के लिए 16 डिसमिल जमीन की जरूरत होती है, इसकी लागत 48 लाख 50000 है. इसमें भी सरकार 30% अनुदान देती है.
बिहार में अंडों की खपत (ETV Bharat) अंडा उत्पादन पर जोर: पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अधिकारी और इस व्यवसाय में लगे हुए लोगों के अनुसार बिहार में जरूरत से अभी काफी कम अंडा का उत्पादन हो रहा है और यही वजह है कि बड़े पैमाने पर बाहर से अंडा मंगाया जाता है. सबसे अधिक आंध्र प्रदेश से अंडा आता है. ठंड के समय अंडा की डिमांड काफी अधिक होती है. ऐसे प्रतिवर्ष डेढ़ हजार करोड़ का अंडा दूसरे राज्यों से आ रहा है.
बिहार में अंडे का कुल उत्पादन: देश स्तर पर 12960 करोड़ अंडे का उत्पादन प्रतिवर्ष होता है. उस मुकाबले बिहार में जो उत्पादन हो रहा है, वह ढाई प्रतिशत के आसपास है. इस साल भीषण ठंड में शिक्षा विभाग ने तो प्रतिदिन स्कूलों में अंडा देने का निर्देश दिया था. जिस प्रकार से अंडा की डिमांड हो रही है खपत और बढ़ेगी. जिसे पूरा करना फिलहाल बिहार के अपने बूते संभव नहीं है. बिहार को आने वाले कई सालों तक आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के अंडे खाने के लिए मजबूर रहना पड़ेगा.
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