कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में 10,000 करोड़ रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले से संबंधित सभी मामलों की जांच राज्य पुलिस से लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का अनुरोध करते हुए सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया.
पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जांच स्थानांतरित करने के अनुरोध का विरोध किये जाने के बाद न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने राज्य को अदालत के समक्ष विरोध में एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.
अदालत ने इस संबंध में कोलकाता के बालीगंज पुलिस थाने में एक मामले के संबंध में 12 मार्च तक कोई भी अगला कदम उठाने पर रोक लगा दी, जिसमें अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है.
ईडी ने इससे पहले मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया था, जिनके पास 2011 से 2021 तक खाद्य और आपूर्ति विभाग था. ईडी कथित घोटाले में धन के लेन-देन की जांच कर रहा है. एजेंसी ने दावा किया कि अनियमितताएं 10,000 करोड़ रुपये की हैं, जिनमें से 2,000 करोड़ रुपये अवैध तरीकों से देश के बाहर भेजे गए.
ईडी के वकील ने कहा कि उसने कोलकाता सहित विभिन्न जिलों के पुलिस थानों में छह प्राथमिकी से संबंधित प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है, जिनकी जांच राज्य पुलिस द्वारा की जा रही है या की जा चुकी है.