भीषण गर्मी के चलते इस साल टूट सकता है बिजली की मांग का रिकॉर्ड, 13 प्रतिशत मांग बढ़ने की आशंका - Power Demand in India - POWER DEMAND IN INDIA
क्रिसिल की मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल-मई 2023 की तुलना में बिजली की मांग में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है. वास्तव में, मई में बिजली की मांग बढ़कर 156 बिलियन यूनिट (बीयू) हो जाने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है. पढ़ें ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट...
गर्मी के चलते बिजली की बढ़ती मांग (फोटो - ANI Photo)
नई दिल्ली:देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग भीषण गर्मी से निपटने के लिए तरह-तरह के इंतजाम कर रहे हैं, वहीं बिजली का इस्तेमाल भी बढ़ रहा है. क्रिसिल की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल और मई के महीनों में देश की बिजली खपत अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच सकती है.
रिपोर्ट ए में बताया गया है कि देश भर में भीषण और लंबे समय तक चलने वाली गर्मी की लहरों के दौरान कूलिंग उपकरणों के इस्तेमाल में वृद्धि और मजबूत विनिर्माण गतिविधि के कारण इस वित्तीय वर्ष के शुरुआती दो महीनों में बिजली की मांग में भारी वृद्धि हुई है. अप्रैल-मई 2023 की तुलना में बिजली की मांग में 13 प्रतिशथ की वृद्धि होने की उम्मीद है.
इसके अलावा, मई में बिजली की मांग बढ़कर लगभग 156 बिलियन यूनिट (बीयू) हो जाने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है. अप्रैल 2024 में देश में औसत अधिकतम तापमान 35.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.65 डिग्री सेल्सियस कम है.
साल दर साल बिजली की बढ़ती मांग (फोटो - ETV Bharat)
रिपोर्ट में बताया गया है कि अप्रैल के 30 दिनों में से सिर्फ़ दो दिन ही देश भर में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा. अगस्त 2023 में बिजली की मांग का इससे पहले का उच्चतम स्तर 152 बीयू था.
उच्च तापमान: मई में, विशेष रूप से महीने के उत्तरार्ध में, लू की तीव्रता बढ़ गई. गुजरात के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के राज्यों में भीषण लू चली. मई के अंत में, लू की स्थिति मध्य और उत्तर भारत के साथ-साथ छत्तीसगढ़, बिहार और विदर्भ के ज़्यादातर इलाकों में फैल गई.
महीने के अंत तक पूरे देश में अधिकतम तापमान 45-48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. 29 मई को, राजस्थान के चुरू में तापमान 50.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो इस मौसम का सबसे ज़्यादा तापमान था.
इस बीच, क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के अनुसार विनिर्माण गतिविधि अप्रैल और मई दोनों में 50 की विस्तार सीमा से ऊपर रही, जो क्रमशः 58.8 और 57.5 पर दर्ज की गई. विनिर्माण गतिविधि में इस उछाल ने वाणिज्यिक और औद्योगिक क्षेत्रों से बिजली की मांग को बढ़ावा दिया.
साल दर साल बिजली की बढ़ती मांग (फोटो - ETV Bharat)
पीक पावर डिमांड: रिपोर्ट के अनुसार, 29 और 30 मई को भारत में पीक पावर डिमांड अभूतपूर्व शिखर पर पहुंच गई, जो क्रमशः 246 गीगावाट और 250 गीगावाट पर पहुंच गई. अप्रैल और मई में पिछले वर्ष की तुलना में कुल बिजली उत्पादन में लगभग 9 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, जिसमें मई में लगभग 169 बिलियन यूनिट (बीयू) का उल्लेखनीय उच्च रिकॉर्ड दर्ज किया गया.
गैस आधारित बिजली संयंत्रों के लिए धारा 11 के लागू होने के साथ, कुल उत्पादन में गैस का अनुपात मई 2023 में 1.6 प्रतिशत से बढ़कर मई 2024 में 3.1 प्रतिशत हो गया. इसके विपरीत, कुल उत्पादन में कोयले की हिस्सेदारी में मामूली गिरावट देखी गई, जो 73 प्रतिशत से घटकर 72 प्रतिशत हो गई, जबकि अन्य ईंधनों की हिस्सेदारी अपरिवर्तित रही.