चमोली:भगवान रुद्रनाथ जी के मंदिर में भगवान शिव के मुखारबिंद के दर्शन होते हैं. भगवान रुद्रनाथ जी का शीतकालीन गद्दी स्थल गोपेश्वर स्थित भगवान गोपीनाथ के मंदिर में है. यहां से भगवान रुद्रनाथ की डोली बीती 16 मई को रुद्रनाथ के लिए प्रस्थान कर गई थी. दो पड़ावों में रात्रि विश्राम करने के पश्चात डोली 17 मई को ही रुद्रनाथ मंदिर पहुंच गई थी. जिसके बाद आज सुबह भगवान रुद्रनाथ जी के कपाट खोल दिये गये हैं.
रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुले:चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ की डोली यात्रा ब्रह्ममुहूर्त के बाद पहले पड़ाव ल्वींटी बुग्याल से रुद्रनाथ मंदिर पहुंच गई थी. इस दौरान श्रद्धालुओं सहित स्थानीय हक-हकूकधारियों में खासा उत्साह था. शनिवार को ब्रह्ममुहूर्त में रुद्रनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनाथ खोल दिए गए. उच्च हिमायली क्षेत्र में स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर की यात्रा अति दुर्गम मानी जाती है. गोपेश्वर के निकट सगर गांव से 22 किमी पैदल यात्रा कर भगवान रुद्रनाथ के मंदिर पहुंचा जा सकता है. रुद्रनाथ मंदिर में भगवान के मुख के दर्शन होते हैं. पंचकेदारों में चतुर्थ केदार के रूप में माने जाने वाले रुद्रनाथ मंदिर में शिव ने पांडवों को मुख के दर्शन दिए थे.
अगले 6 महीने श्रद्धालु कर सकें रुद्रनाथ के दर्शन: यहां ग्रीष्मकाल में कपाट खुलने के बाद छह माह तक पूजा अर्चना होती है, जबकि शीतकाल में गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना होती है. शुक्रवार सुबह ब्रह्ममुहूर्त में इस यात्रा के पहले पड़ाव ल्वींटी बुग्याल में पुजारी वेद प्रकाश भट्ट ने भगवान रुद्रनाथ की पूजा-अर्चना कर यात्रा को शुरू किया. दिनभर 11 किमी पैदल चलने के बाद यात्रा शाम को रुद्रनाथ मंदिर पहुंची. रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी वेद प्रकाश भट्ट ने कहा कि रुद्रनाथ मंदिर के कपाट छह माह के लिए श्रद्धालुओं के दर्शनाथ शनिवार को खोल दिए गए.