मुजफ्फरपुर:बिहार के मुजफ्फरपुरमें ऑपरेशन के नाम पर सुनीता (34 वर्षीय) की दोनों किडनी निकालने के मामले में दो साल बाद आखिरकार कोर्ट ने न्याय किया है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार मल्ल की विशेष कोर्ट (SC/ST एक्ट) ने पवन कुमार को 7 साल जेल की सजा सुनाई है और 18 हजार का जुर्माना भी लगाया है.
सुनीता किडनी कांड में कोर्ट का फैसला: विशेष लोक अभियोजक (SC/ST एक्ट) जयमंगल प्रसाद ने बताया कि किडनी कांड का मुख्य आरोपी डॉ. आरके सिंह फरार है. उसके विरुद्ध कुर्की की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. विशेष कोर्ट ने उसके मामले को अलग कर दिया है. बरियारपुर स्थित शुभकांत क्लीनिक में पेट में दर्द की शिकायत पर 11 जुलाई 2022 को सुनीता का उपचार शुरू हुआ था. गर्भाशय में प्रॉब्लम बताते हुए पवन ने उसे निकालने के लिए ऑपरेशन कराने की सलाह दी. इसके लिए उसने 20 हजार रुपये जमा कराए गए थे.
"पवन को सात साल की सजा सुनाई गई है. वही, मुख्य आरोपी डॉ आरके सिंह अब भी फरार है. उसके खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. विशेष कोर्ट ने उसके मामले को अलग कर दिया गया है. पवन अगर जुर्माना नहीं देगा तो 4 महीने की सजा और भुगतनी होगी. कोर्ट का यह कदम सराहनीयी है. समुचित न्याय करते हुए पवन को सजा दी गई है. तीन धाराओं में 420, 326 और 384 में सजा हुई है."-जयमंगल प्रसाद, लोक अभियोजक पदाधिकारी, एससी एसटी कोर्ट
आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को 7 साल की सजा: इसके बाद 3 सितंबर 2022 को सुनीता के गर्भाशय का ऑपरेशन किया गया था, जिस क्लीनिक में ऑपरेशन हुआ, उसका डॉक्टर पवन कुमार था, जो पुलिस जांच में झोलाछाप डॉक्टर निकला. ऑपरेशन के बाद 5 सितंबर 2022 को सुनीता की तबीयत खराब हुई तो उसे श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल लाया गया. 7 सितंबर 2022 को जांच के बाद पता चला कि उसकी दोनों किडनियां निकाल ली गई हैं. इस वजह से उसकी डायलिसिस करनी पड़ी, जो आज तक चल रही है.