नई दिल्ली: तमिलनाडु से डीएमके के राज्यसभा सांसद एमएम अब्दुल्ला को मंगलवार को संसद परिसर में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों ने कथित तौर पर रोका और उनसे पूछताछ की. अब्दुल्ला ने इस संबंध में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सीआईएसएफ के जवानों पर संसद में उनके आने के उद्देश्य के बारे में 'पूछताछ' करने का आरोप लगाया. अब्दुल्ला ने पत्र में कहा कि इस तरह का दुर्व्यवहार पहले कभी नहीं हुआ.
अब्दुल्ला ने लिखा, मैं अभी भी यह समझने में असमर्थ हूं कि सीआईएसएफ कर्मियों ने मुझसे किस तरह से पूछताछ की और इस घटना से मैं बहुत स्तब्ध हूं. अब्दुल्ला ने कहा कि उनका मानना है कि संसद सदस्य संसद में प्रवेश कर सकते हैं, भले ही उनका कोई आधिकारिक कार्यक्रम न हो. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने दौरे का उद्देश्य केवल राज्यसभा के अध्यक्ष को ही बताना चाहिए. एमएम अब्दुल्ला ने राज्यसभा के सभापति से सीआईएसएफ जवानों के खिलाफ उनके 'दुर्व्यवहार' के लिए कार्रवाई करने को कहा है.
डीएमके ने कहा- यह अस्वीकार्य
फिलहाल अब्दुल्ला ने इस संबंध में मीडिया में कोई बयान नहीं दिया है. वहीं, डीएमके प्रवक्ता एस अन्नादुरई ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि डीएमके सांसद अब्दुल्ला को रोका गया और उनसे पूछताछ की गई. यह अस्वीकार्य है.
थरूर ने सीआईएसएफ और गृह मंत्रालय को घेरा
वहीं, इस घटना को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, संसद को कार्यपालिका के नियंत्रण में रखना हमारी संवैधानिक व्यवस्था के पीछे की मान्यताओं पर हमला है, जिसमें कार्यपालिका की सर्वोच्चता की परिकल्पना नहीं की गई है, बल्कि सरकार की तीनों अंगों के बीच अधिकार और शक्तियों का स्पष्ट विभाजन किया गया था. संविधान पर यह एकतरफा हमला उस समय हुआ है जब देश के राजनेता चुनाव अभियान में व्यस्त थे. उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्रालय द्वारा संसद की सुरक्षा को हड़पने की घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.
टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने उठाए सवाल
टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने बुधवार को एक्स पर लिखा, एक सांसद से यह नहीं पूछा जा सकता कि वो संसद क्यों आ रहे हैं. सदन के सदस्य होने के नाते संसद में रहना हमारा अधिकार है. क्या इसीलिए सीआईएसएफ को संसद की सुरक्षा सौंपी गई है कि सांसदों को उनके कर्तव्यों का पालन करने से रोका जाए.
मई में सीआईएसएफ ने संभाली थी संसद की सुरक्षा
गौरतलब है कि इसी साल मई में सीआईएसएफ ने संसद की सुरक्षा व्यवस्था संभाली थी. पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में दो लोगों के घुसने और रंगीन गैस छोड़ने के कारण सीआईएसएफ को संसदी की सुरक्षा सौंपने का फैसला लिया गया था. सीआईएसएफ अब संसद भवन की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है.
यह भी पढ़ें-नया लोकसभा अध्यक्ष कौन बनेगा, इन नामों की चर्चा, जानें क्यों BJP स्पीकर पद छोड़ने को तैयार नहीं