बेंगलुरु: कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने अपनी पार्टी के नेताओं को सीएम और डीसीएम के मुद्दे पर खुले तौर पर बयानबाजी नहीं करने की चेतावनी दी है. शनिवार को सदाशिवनगर स्थित अपने आवास के पास पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'हमने कड़ी मेहनत से पार्टी को सत्ता में लाया है, इसलिए सीएम और डिप्टी सीएम को लेकर कोई खुली चर्चा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि, इस विषय पर अपना मुंह बंद रखना ही बेहतर है, अन्यथा पार्टी की ओर से नोटिस जारी करना पड़ेगा. डीके शिवकुमार ने यह भी कहा कि, उन्हें किसी की सिफारिश की जरूरत नहीं है सिर्फ आशीर्वाद ही काफी है. उन्होंने पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, वे सभी स्वामीजी से हाथ जोड़ते हैं कि, वे लोग राजनीति से जुड़े विषयों को मुद्दा ना बनाएं. उन्होंने कहा कि, चंद्रशेखर स्वामीजी ने शायद उनकी प्रशंसा में यह बात कही हो.
कर्नाटक में सीएम, डिप्टी सीएम को लेकर लड़ाई
बता दें कि, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं. वोक्कालिगा समुदाय के एक महंत ने कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया से पद छोड़ने और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के लिए सत्ता सौंपने की अपील की थी. जिसके बाद वीरशैव लिंगायत समुदाय के प्रमुख महंत ने भी कहा था कि, लिंगायत समुदाय के नेताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. दूसरी तरफ वीरशैव लिंगायतों को भी सीएम पद दिए जाने की मांग उठने लगी है. शुक्रवार को श्रीशैला पीठ के जगद्गुरु डॉ. चन्नासिद्दाराम पंडिताराध्य शिवाचार्य स्वामीजी ने कहा कि, कांग्रेस पार्टी आलाकमान की तरफ से लिंगायत समुदाय के नेताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि, वीरशैव लिंगायतों का ने पार्टी के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है. वीरशैव लिंगायत के धर्मगुरु ने 2 डिप्टी सीएम पद के लिए 3 नाम सुझाए थे.
डीके शिवकुमार ने नेताओं से मुंह बंद रखने को कहा
वहीं, आज कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सीएम और डिप्टी सीएम किस समुदाय से होने चाहिए इसको लेकर हो रही लड़ाई के बीच कहा कि, ये सब भ्रम है, डिप्टी सीएम पर कोई चर्चा नहीं है और ना ही सीएम को लेकर कोई सवाल है. उन्हें किसी की सिफारिश की आवश्यकता नहीं है. डीके ने कहा कि, मल्लिकार्जुन खड़गे और सिद्धारमैया इस पर एक ही निष्कर्ष पर पहुंचे है कि, किसी भी विधायक को इस मसले पर चर्चा करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी कि, अगर ऐसा होता है तो एआईसीसी और उन्हें बिना कोई रास्ता निकाले नोटिस जारी करना पड़ेगा.
कर्नाटक में कितने डिप्टी सीएम?
लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के लिए लड़ाई फिर तेज हो गई है. सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने हाल ही में एक खुला बयान दिया था कि समुदाय के हिसाब से तीन अतिरिक्त डिप्टी सीएम पद दिए जाने चाहिए.उनके अलावा दलित समुदाय के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर, पिछड़ा वर्ग नेता मंत्री सतीश जराकीहोली, अल्पसंख्यक मंत्री जमीर अहमद खान, लिंगायत समुदाय के मंत्री एमबी पाटिल ने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी इच्छा जाहिर की.