नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की अपने पत्नी के चौथे चरण के कैंसर को आयुर्वेद और नियंत्रित डायट से ठीक करने के दावे की वैज्ञानिक जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने जो दावा किया है वो उनका निजी विचार है और उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन नहीं किया जा सकता है.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने दावे को मानने को नहीं कहा था. कोर्ट ने कहा कि कुछ अच्छी पुस्तकें होती है और कुछ खराब. अब आपको तय करना है कि आप कौन सा पढ़ेंगे. याचिका दिव्या राणा ने दायर किया था. याचिकाकर्ता की ओर से वकील अमित कुमार झा ने याचिका में कहा था कि स्वास्थ्य संबंधी दावों को वेरिफाई करने के बाद ही मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को उसके प्रसारण की अनुमति दी जानी चाहिए.
सिद्धू के दावों का वेरिफिकेशन नहीं :नवजोत सिंह सिद्धू ने कैंसर के मरीजों को लेकर जो दावा किया है उसका वेरिफिकेशन नहीं किया गया. उनके दावे से कैंसर के कई मरीजों को आशा की किरण दिखी थी कि उचित डायट प्लान के जरिये कैंसर के चौथे स्टेज में भी मरीज ठीक हो सकता है.लेकिन इस दावे का कोई वैज्ञानिक वेरिफिकेशन नहीं किया गया.
सिद्धू को पत्नी का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध कराने की मांग :याचिका में मांग की गई थी कि नवजोत सिंह सिद्धू को निर्देश दिया जाए कि वो अपनी पत्नी का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध कराएं. साथ ही केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय इस बात का रेगुलेशन बनाए कि मेडिकल और हेल्थ से संबंधित किसी भी सूचना को बिना वेरिफिकेशन के नहीं प्रसारित किया जाए. याचिका में ये भी मांग की गई थी कि एम्स और आईसीएमआर नवजोत सिंह सिद्धू के दावों की पड़ताल करें.