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दिल्ली हाईकोर्ट ने बरी आरोपियों को 16 साल बाद ठहराया दोषी, अब होगा सजा का ऐलान - DELHI HIGHCOURT

दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के 16 साल पुराने फैसले को पलट दिया है. बरी किए गए आरोपियों को दोषी ठहराया है. बता दें कि एक व्यक्ति के सिर पर नुकीली वस्तु से हमला करने का मामला था. हाईकोर्ट ने सजा पर बहस करने के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने बरी हुए आरोपियों को बताया दोषी
दिल्ली हाईकोर्ट ने बरी हुए आरोपियों को बताया दोषी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 27, 2024, 11:58 AM IST

Updated : Aug 27, 2024, 12:16 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाई कोर्ट ने 16 साल पुराने निचली अदालत के फैसले को बदल दिया है. कोर्ट ने 16 साल पहले बरी किए गए दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. हाई कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा-308 के तहत आरोपी मोहित कुमार और संदीप कुमार को अक्टूबर 2008 में बरी किए जाने के फैसले को पलट दिया.

ये है पूरा मामला
एक व्यक्ति पर नुकीली वस्तु से हमला करने का मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा था. इसमें निचली अदालत का 16 साल पहले ही फैसला आ चुका था. मामले में आरोपी दो लोगों को निचली अदालत ने बरी कर दिया था. हमले में पीड़ित के सिर पर गंभीर चोट आई थी.

इसी मामले को जब 16 साल बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने सुना तो कहा कि निचली अदालत ने घायल व्यक्ति की गवाही पर विश्वास न करने तथा यह टिप्पणी करने की गलती की है कि यह अभियोजन पक्ष के अन्य गवाह के बयान से मेल नहीं खाती है. अभियोजन पक्ष ने सुनवाई अदालत द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि गवाहों के बयानों से घटना के बारे में कोई संदेह नहीं है.

क्या कहा फैसले में
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि निष्कर्ष यह है कि शिकायतकर्ता की लगातार गवाही से यह साबित होता है कि आरोपी ने शिकायतकर्ता पर हमला करने के लिए तेज धार वाले हथियार का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप उसके सिर पर गहरा घाव हो गया, जिसके लिए 21 टांके लगाने पड़े, हालांकि इसे साधारण माना गया तथा स्वतंत्र परिस्थितियों से भी घटना की पुष्टि होती है.

न्यायमूर्ति कृष्णा ने फैसले में कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी पीड़ित के सिर पर धारदार हथियार से प्रहार करता है तो वह ऐसा यह जानते हुए और इस इरादे से करता है कि पीड़ित के सिर पर इस तरह के हमले या चोट के परिणामस्वरूप उसकी मृत्यु हो सकती है. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, 2006 में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी कि दोनों आरोपी शिकायतकर्ता मनिंदर गौतम के पास गए, उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसे धमकाया तथा फिर एक नुकीली वस्तु से उस पर हमला किया जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आई. हाईकोर्ट ने सजा पर बहस करने के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की है.

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Last Updated : Aug 27, 2024, 12:16 PM IST

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