फतेहाबाद: दिव्यांग भाई की हत्या के दोषी भाई को फतेहाबाद कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल की अदालत ने दोषी पर 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दोषी अशोक ने अपने भाई दीपक की तेजधार हथियार से गर्दन काट कर हत्या कर दी थी. इसके बाद अशोक अपने भाई के सिर को पॉलिथीन में डालकर करीब डेढ़ घंटे घूमता रहा. इसके बाद उसने सिर से नहर फेंक दिया. अदालत ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनाई.
भाई ने की थी दिव्यांग भाई की हत्या: 18 जून 2020 को अशोक ने तेजधार हथियार से सिर को धड़ से अलग कर अपने दिव्यांग भाई की हत्या कर दी थी. इसके बाद अशोक सिर को पॉलिथीन में डाल कर घूमता रहा और फिर उसे नहर में फेंक दिया. जांच के दौरान पुलिस ने सिर और अन्य सामान बरामद किया. पुलिस ने आरोपी पर आईपीसी की धारा 457, 506, 302 व 201 के तहत मामला दर्ज किया था. अदालत ने धारा 302 में फांसी और 20 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 457, 506, 201 में 5-5 साल कैद और 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.
घर को लेकर था विवाद: इस मामले की पैरवी सरकारी वकील अरुण कुमार ने की थी. डिप्टी डीए अरुण बंसल ने बताया कि इस मामले में पंजाब के संगरूर निवासी सुषमा देवी पत्नी मनजीत सिंह ने बयान दर्ज करवाए थे कि उसके भाई अशोक ने छोटे भाई दीपक की तेजधार हथियार से गर्दन काटकर हत्या कर दी. पुलिस को दी शिकायत में शिकायतकर्ता सुषमा ने बताया था कि वो 6 भाई-बहन हैं. जिनमें दो भाइयों की मौत हो चुकी है. उसका छोटा भाई 40 वर्षीय दीपक दिव्यांग है और उसका तलाक हो चुका है. दीपक अपनी मां के पास टोहाना की गोगामेड़ी के पास रहता था. उसकी मां ने 10 साल पहले अपना मकान दीपक के नाम करवा दिया. इस बात से उसका दूसरा भाई अशोक रंजिश रखता था और कई बार उसे मारने की बात कह चुका था.