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फतेहाबाद में हत्या के दोषी को फांसी की सजा, दिव्यांग भाई का सिर धड़ से किया था अलग, कोर्ट ने रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना - DEATH SENTENCED IN FATEHABAD

Death Sentenced in Fatehabad: दिव्यांग भाई की हत्या के दोषी को फतेहाबाद कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. जानें क्या है पूरा मामला.

Death Sentenced in Fatehabad
Death Sentenced in Fatehabad (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 16, 2025, 2:26 PM IST

फतेहाबाद: दिव्यांग भाई की हत्या के दोषी भाई को फतेहाबाद कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक अग्रवाल की अदालत ने दोषी पर 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दोषी अशोक ने अपने भाई दीपक की तेजधार हथियार से गर्दन काट कर हत्या कर दी थी. इसके बाद अशोक अपने भाई के सिर को पॉलिथीन में डालकर करीब डेढ़ घंटे घूमता रहा. इसके बाद उसने सिर से नहर फेंक दिया. अदालत ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए दोषी को फांसी की सजा सुनाई.

भाई ने की थी दिव्यांग भाई की हत्या: 18 जून 2020 को अशोक ने तेजधार हथियार से सिर को धड़ से अलग कर अपने दिव्यांग भाई की हत्या कर दी थी. इसके बाद अशोक सिर को पॉलिथीन में डाल कर घूमता रहा और फिर उसे नहर में फेंक दिया. जांच के दौरान पुलिस ने सिर और अन्य सामान बरामद किया. पुलिस ने आरोपी पर आईपीसी की धारा 457, 506, 302 व 201 के तहत मामला दर्ज किया था. अदालत ने धारा 302 में फांसी और 20 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 457, 506, 201 में 5-5 साल कैद और 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है.

फतेहाबाद में हत्या के दोषी को फांसी की सजा (Etv Bharat)

घर को लेकर था विवाद: इस मामले की पैरवी सरकारी वकील अरुण कुमार ने की थी. डिप्टी डीए अरुण बंसल ने बताया कि इस मामले में पंजाब के संगरूर निवासी सुषमा देवी पत्नी मनजीत सिंह ने बयान दर्ज करवाए थे कि उसके भाई अशोक ने छोटे भाई दीपक की तेजधार हथियार से गर्दन काटकर हत्या कर दी. पुलिस को दी शिकायत में शिकायतकर्ता सुषमा ने बताया था कि वो 6 भाई-बहन हैं. जिनमें दो भाइयों की मौत हो चुकी है. उसका छोटा भाई 40 वर्षीय दीपक दिव्यांग है और उसका तलाक हो चुका है. दीपक अपनी मां के पास टोहाना की गोगामेड़ी के पास रहता था. उसकी मां ने 10 साल पहले अपना मकान दीपक के नाम करवा दिया. इस बात से उसका दूसरा भाई अशोक रंजिश रखता था और कई बार उसे मारने की बात कह चुका था.

सिर को धड़ से किया था अलग: शिकायतकर्ता अनुसार गांव डांगरा का सुरजीत उसके भाई दीपक का धर्म भाई बना हुआ था. 18 जून 2020 को सुरजीत ने सुषमा को फोन कर बताया कि 17 जून अशोक दीपक के घर गया था. उसने अशोक के सामने बैठकर शराब पी. दोनों बैठ कर बातचीत कर रहे थे. इस बीच सुरजीत दोनों को छोड़ कर अपने घर चला गया. सुबह जब सुरजीत दीपक से मिलने आया तो दरवाजा खटखटाने के बाद भी दीपक ने दरवाजा नहीं खोला. सूचना पर सुषमा अपने पति के साथ मौके पर पहुंची और पुलिस को सूचित किया. जब दरवाजा खोलकर अंदर देखा, तो बरामदे में दीपक लाश खून से लथपथ मिली. फर्श पर उसका सिर्फ धड़ पड़ा था. सिर उसका गायब था.

फतेहाबाद कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा: सुषमा ने अपने भाई अशोक पर दीपक की हत्या का शक जताया. जांच में पता चला कि अशोक दीपक के सिर को पॉलिथीन में डालकर अपने साथ ले गया और उसे नहर में फेंक दिया. पुलिस ने अशोक को गिरफ्तार कोर्ट में पेश किया. तमाम सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने अशोक को दोषी माना और उसे फांसी की सजा सुनाई.

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