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RG कर पीड़िता के माता-पिता का सहायता राशि लेने से इनकार, कोर्ट ने 17 लाख रुपये देने का दिया था आदेश - RG KAR MEDICAL RAPE CASE

Sanjay Roy: सियालदह सिविल और क्रिमिनल कोर्ट ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप और हत्या मामले में फैसला सुना दिया है.

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 20, 2025, 5:04 PM IST

कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई दुखद रेप-मर्डर की घटना के मुख्य आरोपी संजय रॉय को सियालदह सिविल और क्रिमिनल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता के परिजनों को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है.

न्यायाधीश अनिरबन दास ने मुकदमे की अध्यक्षता की और सियालदह अदालत में अपना फैसला सुनाया. इस दौरान ने पीड़िता के माता-पिता को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया. हालांकि, पीड़िता के माता-पिता ने कहा है कि उन्हें किसी भी तरह का मुआवजा नहीं चाहिए.

'मुआवजा नहीं, बल्कि न्याय चाहिए'
पीड़िता के माता-पिता, जो अदालत की सुनवाई में मौजूद थे. उन्होंने जज से कहा कि उन्हें मुआवजा नहीं, बल्कि न्याय चाहिए. इस पर जज ने उन्हें जवाब दिया कि उन्होंने पहले ही आदेश दे दिया है और वे पैसे का इस्तेमाल अपनी इच्छानुसार कर सकते हैं. उन्होंने उनसे कहा कि वे इसे बलात्कार और हत्या के लिए मुआवजा न मानें, बल्कि इसे कानूनी प्रावधानों के हिस्से के रूप में देखें.

इससे पहले जज ने अपना आदेश सुनाने से पहले रॉय से उसकी राय पूछी. इस पर आरोपी ने दलील दी कि उसे फंसाया गया है और उन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ के आरोपों की ओर इशारा किया. हालांकि, न्यायाधीश दास ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप मुकदमे के दौरान साबित हुए और उन्होंने उनके सामने पेश किए गए सबूतों के आधार पर उन्हें दोषी पाया.

वहीं, अभियोजन पक्ष ने दोषी के लिए मृत्युदंड की मांग की और तर्क दिया कि इससे समाज का विश्वास बहाल होगा, लेकिन अदालत ने कहा कि यह मामले दुर्लभ कैटेगरी में नहीं आता है, जिसके तहत मृत्युदंड दिया जाता है.

सेमिनार में मिला था शव
बता दें कि ट्रेनी डॉक्टर को पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार रूम में मृत पाया गया था. शुरुआत में शहर की पुलिस द्वारा जांच की गई, लेकिन सबूतों से छेड़छाड़ की चिंताओं के बीच मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया.

मामले में रॉय को 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था. हालांकि उन्होंने शुरू में अपराध स्वीकार कर लिया , लेकिन बाद में उन्होंने अपना रुख बदल दिया और दावा किया कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

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