कोलकाता : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव मिलने के 87 दिन बाद एक स्थानीय कोर्ट ने मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सोमवार को आरोप तय कर दिए, हालांकि मामले में संजय रॉय ने खुद को निर्दोष बताते हुए उसे मामले में फंसाए जाने का आरोप लगाया है.
कोर्ट ने घोषणा की कि 11 नवंबर से प्रतिदिन मामले की सुनवाई की जाएगी. बता दें कि संजय रॉय पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज है. वहीं संजय रॉय ने कोर्ट से बाहर आने के समय कहा कि मैंने कुछ नहीं किया है. मुझे इस रेप-हत्याकांड में फंसाया गया है. मेरी कोई भी नहीं सुन रहा है. सरकार मुझे फंसा रही है और मुझे मुंह नहीं खोलने की धमकी दी जा रही है.
बता दें कि पिछले महीने पेश की गई प्रारंभिक चार्जशीट में सीबीआई ने संजय रॉय को मामले में एकमात्र मुख्य आरोपी बताया था. सीबीआई के आरोपपत्र में इस अपराध के पीछे एक बड़ी साजिश की होने की आशंका जताई गई है.
गौरतलब है कि आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में नौ अगस्त को एक महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था. इसके बाद से पूरे पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों ने मामले में न्याय की मांग करते हुए कार्य बहिष्कार आंदोलन शुरू किया था.