चंडीगढ़ :हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर हो रहे चुनावी 'दंगल' में किसका मंगल होने वाला है, ये अब से कुछ देर बाद साफ हो जाएगा. इस बार हरियाणा में जोरदार चुनावी दंगल है क्योंकि लोकसभा चुनावों के ठीक बाद इसी साल अक्टूबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव के दंगल को जीतना बीजेपी-कांग्रेस समेत सभी पार्टियों के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि इसी से आने वाले विधानसभा चुनाव में सियासी हवाओं के रुख का अंदाज़ा लग पाएगा.
हरियाणा में वोटिंग :हरियाणा के चुनावी 'रण' में कुल 223 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे. वोटिंग के लिए 20,031 मतदान केंद्र बनाए गए थे. वहीं अगर वोटिंग की बात की जाए तो इस बार हरियाणा में 64.80 % मतदान दर्ज किया गया है, जो पिछले दो लोकसभा चुनाव में हुई वोटिंग के मुकाबले कम है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा में जहां 71.4 % मतदान हुआ था, वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा में कुल 74.3 % मतदान दर्ज किया गया था जिससे साफ है कि इस साल हरियाणा में पिछले दो लोकसभा चुनाव के मुकाबले लोगों में वोटिंग को लेकर कम रुझान देखने को मिला है.
करनाल में वोटिंग : हरियाणा की हाईप्रोफाइल सीटों में शुमार करनाल लोकसभा सीट पर कुल 63.74 % मतदान दर्ज किया गया है, जबकि 2019 के लोक सभा चुनाव में करनाल में 71.7% मतदान हुआ था. 2014 और 2019 में करनाल से बीजेपी को जीत हासिल हुई थी.
करनाल की टक्कर में कौन ? : करनाल में इस बार के लोकसभा चुनाव में कुल 19 कैंडिडेट चुनावी मैदान में उतरे थे. करनाल से बीजेपी ने हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को अपना कैंडिडेट बनाया है, जबकि कांग्रेस ने युवा चेहरे दिव्यांशु बुद्धिराजा पर दांव खेला है. वहीं जननायक जनता पार्टी (JJP) ने स्थानीय उम्मीदवार देवेंद्र कादियान को यहां से टिकट दिया है, जबकि एनसीपी (NCP) ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मराठा वीरेंद्र वर्मा को करनाल से अपना कैंडिडेट बनाया है. उन्हें इंडियन नेशनल लोकदल यानि इनेलो (INLD) का समर्थन भी हासिल है. करनाल में बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशी के बीच ही कांटे की टक्कर है और कहा जा रहा है जो भी कैंडिडेट यहां से जीतेगा, उसकी जीत का मार्जिन काफी कम रह सकता है.
अंबाला में वोटिंग : हरियाणा की अंबाला सीट की बात की जाए तो यहां इस बार 67.34 % मतदान दर्ज किया गया है, जबकि 2019 के लोक सभा चुनाव में अंबाला में कुल 75.3 % मतदान हुआ था. 2014 और 2019 में अंबाला से बीजेपी को जीत हासिल हुई थी.
अंबाला में किसे आशीर्वाद ? : अंबाला में भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही कांटे की टक्कर है. बीजेपी ने अंबाला से इस बार बीजेपी के दिवंगत सांसद रतन लाल कटारिया की धर्मपत्नी बंतो कटारिया को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने वरुण चौधरी को कैंडिडेट बनाया है. साल 2019 में वरुण चौधरी हरियाणा विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं और जीत हासिल कर चुके हैं. इसके अलावा वे 'सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार' भी जीत चुके हैं. वहीं इनेलो ने यहां से सिख उम्मीदवार एडवोकेट सरदार गुरप्रीत सिंह सहोटा को मैदान में उतारा है, जबकि जेजेपी ने किरण पुनिया को मैदान में उतारा है.
गुड़गांव में वोटिंग : नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) में आने वाली गुड़गांव लोकसभा सीट भी हरियाणा की हाईप्रोफाइल सीटों में आती है और यहां पर इस बार 62.03 % मतदान दर्ज किया गया है, जबकि 2019 के लोक सभा चुनाव में गुड़गांव में 72.9 % मतदान हुआ था. 2014 और 2019 में गुड़गांव से बीजेपी को जीत हासिल हुई थी.
गुड़गांव का धाकड़ कौन ? :गुड़गांव से बीजेपी ने मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को मैदान में उतारा है जिनका इस सीट पर दबदबा रहा है. वे पिछले 5 बार से सांसद हैं और इस बार भी उनका पलड़ा इस बार के चुनाव में भारी बताया जा रहा है. वहीं कांग्रेस ने दिग्गज कांग्रेसी नेता कैप्टन अजय यादव की दावेदारी को दरकिनार करते हुए बॉलीवुड अभिनेता राज बब्बर को टिकट दिया है. अजय यादव ने इसे रीजनल लीडरशिप को कुचलने की साज़िश करार दिया था. वहीं जेजेपी ने गुड़गांव से मशहूर सिंगर राहुल यादव फाजिलपुरिया को टिकट दिया है. जबकि इनेलो ने यहां से सोहराब खान को मैदान में उतारा है.
कुरुक्षेत्र में वोटिंग :कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर इस साल 67.01 % मतदान दर्ज किया गया है, जबकि 2019 के लोक सभा चुनाव में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर 78.1 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी. 2014 और 2019 में कुरुक्षेत्र से बीजेपी को जीत हासिल हुई थी.
कुरुक्षेत्र में कौन जीतेगा "रण" ? :कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट भी हरियाणा की हॉट सीटों में शुमार है. बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन करने वाले उद्योगपति नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र सीट से उम्मीदवार बनाया है. वहीं INDI गठबंधन से आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता यहां से चुनावी मैदान में हैं जिन्हें कांग्रेस का सपोर्ट हासिल है. इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने पार्टी के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला को कुरुक्षेत्र के रण में उतारा है, जबकि जेजेपी ने पालाराम सैनी को कुरुक्षेत्र से अपना कैंडिडेट बनाया है.
सोनीपत में वोटिंग :हरियाणा का जाटलैंड कही जाने वाली सोनीपत लोकसभा सीट पर इस बार 63.44 % मतदान दर्ज किया गया है, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनीपत में 75.8% मतदान दर्ज किया गया था. 2014 और 2019 में सोनीपत से बीजेपी को जीत हासिल हुई थी.
सोनीपत में किसका चलेगा "सिक्का" ? :सोनीपत में बीजेपी ने गैर जाट कार्ड खेलते हुए मोहन लाल बड़ौली को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी के गैर जाट कार्ड को देखते हुए यहां से गैर जाट सतपाल ब्रह्मचारी को चुनावी मैदान में उतारा है. सतपाल ब्रह्मचारी धार्मिक संत भी हैं और हरिद्वार में उनका थानाराम आश्रम है. जींद में भी उनके आश्रम हैं. कांग्रेस को ब्राह्मण वोट के साथ जाट वोट हासिल होने की आस है. वहीं जननायक जनता पार्टी ने यहां से भूपेंद्र सिंह मलिक को मौका दिया है, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल यानि इनेलो ने अनूप सिंह को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है.
सिरसा में वोटिंग :हरियाणा की हाईप्रोफाइल सीटों में आने वाली सिरसा सीट के लोगों ने वोटिंग के मामले में अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा है. यहां पर इस बार प्रदेश में सबसे ज्यादा 69.77 % मतदान दर्ज किया गया है, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सिरसा में पूरे प्रदेश के मुकाबले सबसे ज्यादा 79 % मतदान दर्ज किया गया था. 2014 में सिरसा से INLD प्रत्याशी को जीत मिली थी, जबकि 2019 में बीजेपी ने इस सीट को जीत लिया था.
सिरसा में किसका "सिंहासन" ? :सिरसा से बीजेपी ने मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर अशोक तंवर को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को यहां से मैदान में उतारा है. वे सिरसा से सांसद भी रह चुकी हैं और यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं. वही दिलचस्प बात ये भी है कि कुमारी शैलजा और अशोक तंवर दोनों हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं और अब दोनों के बीच कांटे की टक्कर हैं. वहीं जननायक जनता पार्टी ने यहां से रमेश खटक को मौका दिया है, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल ने संदीप लोट वाल्मीकि को प्रत्याशी बनाया है.
हिसार में वोटिंग :हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट पर इस बार 65.27 % मतदान दर्ज किया गया है. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में हिसार में कुल 75.9% वोटिंग हुई थी. 2014 में हिसार में INLD प्रत्याशी को जीत मिली थी, जबकि 2019 में बीजेपी ने इस सीट को जीत लिया था.
हिसार में कौन रहेगा "हावी" ? :हरियाणा की हॉट सीटों में शामिल हिसार में चाचा ससुर का मुकाबला बहुओं से है. बीजेपी ने यहां से चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला को मैदान में उतारा है. वहीं जननायक जनता पार्टी ने यहां से नैना चौटाला को टिकट दिया है, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल ने सुनैना चौटाला को कैंडिडेट बनाया है. दोनों रिश्ते में बीजेपी प्रत्याशी रणजीत चौटाला की बहू लगती है. वहीं कांग्रेस से जयप्रकाश मैदान में हैं, जो अब तक इस सीट पर 3 बार चुनाव जीत चुके हैं.