रोहित कुमार सोनी, देहरादून:उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता लागू हो गया है. इसके साथ ही उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां यूसीसी लागू हो गई है. यूसीसी अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर पूरे प्रदेश में लागू हो गया है. इसके साथ ही प्रदेश से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर भी यूसीसी लागू होगा. वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव और यूसीसी नियमावली तैयार करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष शत्रुघन सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
घर बैठे ही करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन:यूसीसी नियम और क्रियान्वयन समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह ने ईटीवी भारत पर कहा कि शादी विवाह का रजिस्ट्रेशन या फिर लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन लोग अब घर बैठे ही अपने मोबाइल से कर सकते हैं. पोर्टल में यह प्रावधान किया गया है कि स्टेप बाई स्टेप कैसे रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.
कॉमन सर्विस सेंटर में आसानी करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन:अगर खुद से रजिस्ट्रेशन के दौरान अगर किसी को दिक्कत होती है तो उसके विकल्प के रूप में सीएससी यानी कॉमन सर्विस सेंटर मौजूद है. जो एक नॉमिनल फीस लेकर जनता को रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा उपलब्ध कराएंगे, लेकिन कोशिश ये की गई है कि इसके नियम सरल हों और आम लोगों को प्रक्रिया अपनाने में कोई कठिनाई न हो.
किन चुनौतियों की सामना करना पड़ा?यूसीसी नियमावली तैयार करने के दौरान किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इस सवाल पर शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि यह चुनौती नहीं थी, बल्कि समयसाध्य कार्य होता था. जिसका अध्ययन करना होता है. लिहाजा, ये समयसाध्य और थोड़ा कठिन कार्य था, लेकिन नियमावली तैयार करने में राज्य सरकार के अधिकारियों, कर्मचारियों और जनता ने भी पूरा सहयोग दिया. जिसके चलते कार्य संपन्न हुआ.
प्रिविलेज्ड वसीयत के लिए 3 तरह से रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था: उन्होंने कहा शादी विवाह, तलाक के जो पुराने नियम चले आ रहे थे, उसको यूसीसी ओवर राइट करेगा, लेकिन लिव इन रिलेशनशिप को लेकर पहले कोई कानून नहीं था. ऐसे में लिव इन रिलेशनशिप के लिए ये नया कानून लागू होगा. साथ ही प्रिविलेज्ड वसीयत का प्रावधान पुराने एक्ट में था, लेकिन यूसीसी में प्रिविलेज्ड वसीयत के लिए तीन तरह से रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की है.
पहला बिना किसी कागज के यूसीसी वेबसाइट पर जाकर अपना वसीयत लिख सकते हैं यानी पेपर लेस रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. दूसरा वसीयत संबंधित डॉक्यूमेंट तैयार करके यूसीसी वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं. तीसरा अपनी वीडियो बनाकर यूसीसी वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं.
ऐसे में प्रिविलेज्ड वसीयत की जो पुरानी व्यवस्था थी, उसको सरल कर दिया गया है. साथ ही कहा कि जब भी कोई एक्ट या रूल बनता है और उसका अनुपालन होता है तो उस दौरान कुछ बदलाव करना अनिवार्य होता है. लिहाजा, उन्हें भरोसा है कि राज्य सरकार समय-समय पर जरूरत के हिसाब से इसमें बदलाव करेगी.