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चौकीदार बहाली में SC को आरक्षण नहीं! झारखंड में एससी की राजनीति होगी प्रभावित - recruitment of Chowkidar

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 11, 2024, 1:45 PM IST

Controversy on recruitment of Chowkidar. झारखंड में कोई नियुक्ति विज्ञापन निकले और विवाद न हो, ऐसा शायद ही हो. एक बार फिर कुछ ऐसा ही हुआ है. चौकीदार की सीधी भर्ती का विज्ञापन निकला है. विज्ञापन में अनुसूचित जाति के लिए सीट आरक्षित नहीं है. जिससे नया विवाद खड़ा हो गया है. कई तरह के सवाल भी उठने लगे हैं.

Controversy over not giving reservation to SC in recruitment of Chowkidar in Jharkhand
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

पलामूः झारखंड के पलामू में 155 चैकीदार के बहाली के विज्ञापन जारी किया गया है. इस विज्ञापन में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण को शून्य कर दिया गया है. जबकि 78 सीट अनारक्षित रखा गया. विज्ञापन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 13 अनुसूचित जनजाति के लिए 30, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए 10 और पिछड़ा वर्ग के लिए 24 सीट आरक्षित की गई है.

चौकीदार के पद पर सीधी भर्ती के लिए यह विज्ञापन निकाला गया है और आवेदन की अंतिम तिथि 20 जुलाई रखी गई है. चौकीदार की बहाली में अनुसूचित जाति के आरक्षण के शून्य होने के बाद राजनीति गर्मा गई है. सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों ने विज्ञापन पर सवाल उठाते हुए आंदोलन की शुरुआत कर दी है.

पूरे राज्य में अनुसूचित जाति की राजनीति होगी प्रभावित

पलामू लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, जबकि पूरे झारखंड में नौ विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पलामू के इलाके में 30 प्रतिशत के करीब आबादी अनुसूचित जाति की है. पूरे राज्य में पलामू ही अनुसूचित जाति की राजनीति को दिशा देता है. चौकीदार बहाली में अनुसूचित जाति का आरक्षण शून्य किए जाने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग एक मंच पर जमा हुए है और आंदोलन की घोषणा की है.

यह गलत है अनुसूचित जाति को आरक्षण नहीं दिया गया है, सैकड़ों युवा उनके पास कॉल कर रहे हैं. राज्य की सरकार अनुसूचित जाति के खिलाफ कार्य कर रही है. विज्ञापन की समीक्षा होनी चाहिए, अनुसूचित जाति को उनका हक और अधिकार मिलना चाहिए. पूरे मामले में डीसी से मुलाकात करेंगे. विज्ञापन में संशोधन नहीं होता है तो के आंदोलन करेंगे. - घूरन राम, पूर्व सांसद, पलामू

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति का गठन, बहाली की रद्द करने की मांग

अनुसूचित जाति का आरक्षण शून्य करने के बाद पलामू में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया है. इस समिति ने आंदोलन की शुरुआत की है और पलामू सांसद विष्णुदयाल राम को एक ज्ञापन भी सौंपा है. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष संदीप पासवान का कहना है कि दूसरे लोगों को लाभ देने के लिए आरक्षण के रोस्टर के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है. अनुसूचित जाति के हक और अधिकार को छीना जा रहा है इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मामले में अनुसूचित जाति के साथ-साथ अन्य वर्गों के भी लोग जोरदार आंदोलन करेंगे. उन्होंने बताया कि पलामू के साथ-साथ गोड्डा के इलाके में भी चौकीदार की बहाली में अनुसूचित जाति के आरक्षण को शुन्य किया गया है.

चौकीदार के पद पर अनुसूचित जाति के पासवान की होती थी बहाली

चौकीदार के पद पर ब्रिटिश काल से ही अनुसूचित जाति के पासवान जाति के लोगों के बहाली होती थी. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष संदीप पासवान ने बताया कि जिन इलाकों में अनुसूचित जाति या पासवान की आबादी नहीं थी उन इलाकों में दूसरों की बहाली हुई थी. 1990 से चौकीदारों को वेतन मिलना शुरू हुआ था. पहले यह नियम था कि चौकीदार की उम्र अधिक होने पर उनके वंशज को यह नौकरी दी जाती थी. लेकिन पहली बार यह विज्ञापन निकाला गया है और चौकीदार की बहाली की जा रही है.

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